रांची : कल्याण विभाग ने वनांचल डेंटल कॉलेज, गढ़वा के उन सभी विद्यार्थियों के आय प्रमाण पत्र की जांच का आदेश दिया है, जो झारखंड में निवास करते हैं तथा जिन्होंने कल्याण विभाग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए अावेदन दिया है. इनमें सबसे ज्यादा विद्यार्थी पलामू, रांची व गढ़वा जिले के हैं. दरअसल विभाग को यह सूचना मिल रही थी कि इस कॉलेज के कई ऐसे विद्यार्थियो ने भी छात्रवृत्ति ले ली है, जिनके पिता सरकारी नौकरी में अच्छे अोहदे पर हैं.
लगातार गड़बड़ियों की शिकायत पर ही विभाग ने राज्य के 23 जिलों के उपायुक्तों को उन विद्यार्थियों की आय प्रमाण पत्र की जांच करने को कहा है, जिनका आवासीय प्रमाण पत्र उनके जिले से निर्गत हुआ है. संभवत: सिमडेगा जिले का कोई विद्यार्थी इस कॉलेज में नहीं है. गौरतलब है कि छात्रवृत्ति का लाभ उन्हीं एससी, एसटी व अोबीसी विद्यार्थियों को मिलता है, जिनकी पारिवारिक आय सालाना 2.5 लाख से कम होती है. इधर कॉलेज के कई विद्यार्थियों ने अपनी पारिवारिक आय सालाना 35 हजार व उससे भी कम बतायी है.
आय प्रमाण पत्र की जांच का आदेश
पहले के निर्देश का पालन नहीं
करीब एक माह पहले भी कल्याण विभाग ने उपायुक्त गढ़वा को डेंटल कॉलेज की जांच करने को कहा था. दरअसल वनांचल डेंटल कॉलेज, गढ़वा में कुछ अनियमितता मामले की जांच सीबीआइ कर रही है. जांच इस बात की हो रही है कि मेडिकल काउंसिल अॉफ इंडिया ने कॉलेज को मान्यता देने में नियम व प्रावधानों का उल्लंघन तो नहीं किया है. वहीं उसकी क्षमता से ज्यादा सीटों की मान्यता तो नहीं दे दी है. विभाग ने भी इन्हीं तथ्यों के आधार पर उपायुक्त से अद्यतन कानूनी स्थिति का पता लगा कर रिपोर्ट भेजने को कहा था, जो अब तक अप्राप्त है. अब उपायुक्त, गढ़वा को दोनों मामले में रिपोर्ट देनी है.
छात्रवृत्ति मांगनेवाले किस जिले के कितने विद्यार्थी
साहेबगंज (विद्यार्थी 10), हजारीबाग (दो), गढ़वा (27), चतरा (चार), बोकारो (छह), कोडरमा (एक), खूंटी (एक), दुमका (दो), रांची (42), प.सिंहभूम (तीन), देवघर (16), पलामू (89), जामताड़ा (पांच), पाकुड़ (एक), पू सिंहभूम (चार), सरायकेला (दो), लोहरदगा (छह), रामगढ़ (नौ), गोड्डा (आठ), गुमला (पांच), धनबाद (पांच) व लातेहार (पांच).