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रांची और पाकुड़ के दो युवाओं ने दिखाया अपना टैलेंट, झारखंड के यूथ बेस्ट ब्रेन

रांची़: कोई जरूरी नहीं है कि प्रतिभा बड़े शहर और अच्छे अंक हासिल करने वाले लोगों के पास ही होती हैं. छोटे शहरों के विद्यार्थियों के पास भी प्रतिभा होती है. सिर्फ अंक के माध्यम से प्रतिभा का निर्धारण करना उचित नहीं होता है. यदि ऐसा होता तो 10वीं में 9.2 सीजीपीए लाने वाला रांची […]

रांची़: कोई जरूरी नहीं है कि प्रतिभा बड़े शहर और अच्छे अंक हासिल करने वाले लोगों के पास ही होती हैं. छोटे शहरों के विद्यार्थियों के पास भी प्रतिभा होती है. सिर्फ अंक के माध्यम से प्रतिभा का निर्धारण करना उचित नहीं होता है. यदि ऐसा होता तो 10वीं में 9.2 सीजीपीए लाने वाला रांची का लड़का यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कांसिन मेडिसिन में दुनिया भर से चयनित 25 विद्यार्थियों में शामिल हो कर पढ़ाई करने नहीं जाता. सिर्फ अंक से प्रतिभा निर्धारित होती, तो धनबाद आइएसएम से पढ़ाई किये हुए छात्र को क्लोरेडो यूएस में केंचुकी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में बेस्ट ब्रेनिएस्ट यानी कुशाग्र बुद्धि का अवार्ड नहीं मिलता.
प्रत्युष काे प्रतिवर्ष मिलेंगे 31 हजार डॉलर
रांची के रहनेवाले प्रत्युष कुमार का चयन यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कांसिन मेडिसिन में हुआ है. ये वहां केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रिसर्च करेंगे. आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि स्कूलिंग से ही जो अच्छे अंक हासिल करते हैं, वहीं दुनिया के बेहतरीन संस्थानों में पढ़ाई कर सकते हैं. पर प्रत्युष के साथ ऐसा नहीं है. सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले प्रत्युष ने 10वीं तक की पढ़ाई सेल सिटी डीपीएस से की है. यहां उन्हें 9.2 सीजीपीए मिला था. इसके बाद उन्होंने 12वीं की पढ़ाई सेंट्रल एकेडमी बरियातू से 93 फीसदी अंकों के साथ ही. यहां से वे इंजीनियरिंग की तैयारी करने के बाद आइआइटी बांबे से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. अभी हाल ही में उनका चयन यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कांसिन मेडसिन में हुआ. यहां उन्हें स्कॉलरशिप दी जायेगी़ इस स्कॉलरशिप के लिए दुनियाभर से 25 विद्यार्थियों का चयन किया जाता है. यहां उन्हें 31 हजार डॉलर प्रतिवर्ष मिलेगा.
प्रीतम को बेस्ट ब्रेनिएस्ट अवार्ड
प्रीतम मूल रूप से पाकुड़ के रहने वाले हैं. आइएसएम धनबाद से माइनिंग में बीटेक की पढ़ाई की है. टाटा जैसी तमाम तरह की कंपनियों में काम कर चुके प्रीतम सिन्हा को 22 फरवरी को इन्हें बेस्ट ब्रेनिएस्ट का खिताब मिला है. क्लोरेडो स्कूल आॅफ माइंस द्वारा क्लोरडो यूएस में आयोजित एसएमइ एनुअल कांफ्रेंस सह एक्सपो में यह अवार्ड मिला. इस कार्यक्रम में दुनियाभर से 60 प्रतिभागी शामिल होते हैं. जहां उनके रिसर्च पेपर का प्रेजेंटेशन होता है. इसके अलावा उन्हें यंग लीडर का अवार्ड भी मिला है.
एक्सपर्ट कहते हैं
प्रतिभा दिखाने के लिए आपको मेहनत करनी होती है. आपने कितने ब्रांड से पढ़ाई की या कितने अंक हासिल किये हैं यह बहुत मायने नहीं लगता है. परसिस्टेंस क्लासेज के निदेशक आशीष आनंद कहते हैं कि आप इन दोनों स्टूडेंट्स को उदाहरण के रूप में ले सकते हैं. औसत दर्जे के स्टूडेंट होने के बाद इन्होंने अपने दम पहचान बनायी है. किसी खास स्कॉलरशिप के लिए जहां दुनियाभर के विद्यार्थी उसे पाने में लगे रहते हैं, ऐसे में झारखंड जैसे राज्य से चयन होना निश्चय ही गौरव की बात है. वह कहते हैं ऐसा केवल और केवल मेहनत की बदौलत ही संभव है.
667 रैंक के साथ गर्ल टाॅपर
आर्मी बैकग्रांउड से ताल्लुक रखने वाली श्रेया ने इस वर्ष जेइइ मेन में 667 रैंक हासिल किया है. ये गर्ल कैटेगरी में इतना रैंक हासिल करने वाली झारखंड-बिहार में एकमात्र हैं. इन्होंने डीपीएस रांची से 10वीं और यही से 12वीं की हैं. इनके पिता इंडियन आर्मी में कर्नल हैं. फिलवक्त वे इंदौर में पोस्टेड हैं, जबकि मां हाउस वाइफ हैं.

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