नहीं हो रहा फ्लाई एश ब्रिक्स का इस्तेमाल

रांची: राज्य की सरकारी योजनाअों में फ्लाई एश ब्रिक्स का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. किसी भी योजना में इस ईंट को नहीं लगाया जा रहा है, बल्कि लाल ईंट का प्रयोग हो रहा है. राज्य की मात्र दो परियोजनाएं हाइकोर्ट भवन व विधानसभा भवन में इसे लगाया जा रहा है. इसके अलावा अन्य प्रोजेक्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2017 6:50 AM
रांची: राज्य की सरकारी योजनाअों में फ्लाई एश ब्रिक्स का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. किसी भी योजना में इस ईंट को नहीं लगाया जा रहा है, बल्कि लाल ईंट का प्रयोग हो रहा है. राज्य की मात्र दो परियोजनाएं हाइकोर्ट भवन व विधानसभा भवन में इसे लगाया जा रहा है. इसके अलावा अन्य प्रोजेक्ट पर फ्लाई एश से संबंधित जारी आदेश लागू नहीं हो रहा है.

इसके बाद ही यहां फ्लाई एश से जुड़े लोगों ने मुख्य सचिव सहित संबंधित आला अफसरों से संपर्क किया है. उन्हें पत्र देकर पूरी स्थिति बतायी है. यह कहा गया है कि फ्लाई एश का इस्तेमाल कितना लाभकारी है. पर्यावरण के दृष्टिकोण से यह जरूरी भी है. झारखंड के संदर्भ में इसे और भी आवश्यक बताया गया है, ताकि इसका असर पर्यावरण पर प्रतिकूल न पड़े.
भवन विभाग ने दिया था निर्देश
भवन निर्माण विभाग ने 31 अगस्त 2015 को विभाग के मुख्य अभियंता सहित सभी अधीक्षण व कार्यपालक अभियंता को फ्लाई एश के उपयोग में बढ़ोतरी करने को कहा था. विभाग ने वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग के पत्र का हवाला देते हुए यह निर्देश दिया था. इसमें विकास आयुक्त की अध्यक्षता में आठ अगस्त 2015 को हुई बैठक की कार्यवाही के बारे में भी बताया. इतना ही नहीं ताप विद्युत पावर स्टेशन के 100 किमी त्रिज्या वाले क्षेत्र में चलनेवाली भवन विभाग की योजनाअों में अनिवार्य रूप से फ्लाई एश के निर्मित ईंट का प्रयोग करने को कहा गया था. इसके बाद भी यह आदेश लागू नहीं हुआ है.

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