सदर अस्पताल की तरह ही सरकार की एंबुलेंस सेवा डायल-108 अधर में

संजय रांची : सदर अस्पताल की तरह ही सरकार की एंबुलेंस सेवा ‘डायल-108’ डेढ़ साल से अधर में लटकी हुई है. यह सेवा नेशनल हाइवे सहित राज्य की मुख्य सड़कों पर सड़क दुर्घटना तथा अन्य अापात स्थिति के लिए शुरू की जानी थी. सरकार भी वित्तीय वर्ष 2015-16 के अंत में ही कम से कम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2017 7:49 AM
संजय
रांची : सदर अस्पताल की तरह ही सरकार की एंबुलेंस सेवा ‘डायल-108’ डेढ़ साल से अधर में लटकी हुई है. यह सेवा नेशनल हाइवे सहित राज्य की मुख्य सड़कों पर सड़क दुर्घटना तथा अन्य अापात स्थिति के लिए शुरू की जानी थी. सरकार भी वित्तीय वर्ष 2015-16 के अंत में ही कम से कम 50 एंबुलेंस की सेवा बहाल करने की तैयारी में थी, लेकिन कुछ पेचीदगी की वजह से यह सेवा अब तक शुरू नहीं हो सकी है.
‘डायल-108’ के तहत एंबुलेंस सेवा शुरू करने के लिए अक्तूबर 2015 में ही परचेज अॉर्डर जारी किया जा चुका था. साथ ही कुल 329 वाहनों (289 टाटा तथा 40 फोर्स कंपनी के) की खरीद के लिए 25 करोड़ का भुगतान कर दिया गया था. इनमें से 91 (51 टाटा व 40 फोर्स) की डिलिवरी भी कर दी गयी. टाटा के अौर 238 एंबुलेंस की डिलिवरी होनी है. रखने की जगह नहीं होने के कारण ये वाहन अब भी कंपनी में ही पड़े हैं.
फैब्रिकेशन के इंतजार में खरीदे गये वाहन : सभी वाहनों में अतिरिक्त खर्च से जीवन रक्षक उपकरण लगाकर इन्हें एंबुलेंस में तब्दील किया जाना है. पर उपकरण लगाने (फैब्रिकेशन) का टेंडर अब तक चार बार रद्द हो चुका है. पांचवीं बार इसकी प्रक्रिया अभी चल रही है. नतीजतन, कुल 51 एंबुलेंस (टाटा कंपनी के) अारसीएच परिसर, नामकुम और 40 एंबुलेंस (फोर्स कंपनी के) सिमलिया स्थित फोर्स कंपनी के यार्ड में धूप व धूल खा रहे हैं.
क्यों रद्द होता रहा है टेंडर
पहली बार : सिंगल पार्टी टेंडर हो जाने से टेंडर रद्द
दूसरी बार : फैब्रिकेशन वर्क की लागत झारखंड ने इतनी तय कर दी कि केंद्र ने इसे अमान्य कर दिया
तीसरी बार : टेंडर में शामिल कंपनियों के तय तकनीकी मापदंड को पूरा न कर पाने के कारण टेंडर रद्द
चौथी बार : एल-टू कंपनी (बाफना हेल्थ केयर प्रा.लि. फरीदाबाद) ने टेंडर निष्पादन को हाइकोर्ट में चुनौती दे दी, टेंडर रद्द
वर्ष 2015-16 के अंत में ही कम से कम 50 एंबुलेंस की सेवा बहाल करने का निर्णय लिया था सरकार ने
रखने की जगह नहीं होने के कारण ये वाहन अब भी कंपनी में ही पड़े हैं
अब तक चार बार रद्द हो चुका है फैब्रिकेशन का टेंडर, डेढ़ साल से यार्ड में धूप अौर धूल खा रहे 91 वाहन
डायल-108 का उपयोग
इनके जरिये सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को एक घंटे के गोल्डेन आवर में ट्रॉमा सेंटर या अस्पताल पहुंचाने की योजना है. इसके अलावा किसी बीमार, घायल व गर्भवती को भी अापात स्थिति में इसकी सेवा मिलेगी. केंद्र ने दो तरह के एंबुलेंस का अनुमोदन दिया है. इनमें एक बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) व दूसरी एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस है. बीएलएस का अॉर्डर टाटा को, जबकि एएलएस का अॉर्डर फोर्स को दिया गया था. एएलएस में जीवन रक्षा संबंधी कुछ अधिक उपकरण लगे होंगे.

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