कैलाश सत्यार्थी ने पलामू से शुरू किया था बचपन बचाओ आंदोलन

अर्जुन कुमार व शत्रुघ्न ओझा नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने बचपन बचाओ आंदोलन की शुरुआत पलामू से की थी. 1981 में बचपन बचाओ आंदोलन के गठन के उपरांत 1984 में पलामू जिले के चैनपुर में बंधुआ मुक्ति चौपाल का आयोजन किया था. इसमें लेखिका महाश्वेता देवी, समाजसेवी स्वामी अग्निवेश सहित देश भर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2017 9:37 AM
अर्जुन कुमार व शत्रुघ्न ओझा
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने बचपन बचाओ आंदोलन की शुरुआत पलामू से की थी.
1981 में बचपन बचाओ आंदोलन के गठन के उपरांत 1984 में पलामू जिले के चैनपुर में बंधुआ मुक्ति चौपाल का आयोजन किया था. इसमें लेखिका महाश्वेता देवी, समाजसेवी स्वामी अग्निवेश सहित देश भर से लेखक, पत्रकार व समाजसेवियों का जुटान हुआ था. इसमें सैकड़ों बंधुआ मजदूर के साथ-साथ बाल बंधुआ मजदूरी का मुद्दा प्रमुखता से उठा था. नौ बाल बंधुआ मजदूर पाटन थाना के छेछनी गांव से मुक्त कराये गये थे. यहीं बचपन बचाओ आंदोलन की नींव पड़ी थी.श्री सत्यार्थी पिछले तीन दशक से झारखंड और अविभाजित बिहार में बच्चों के लिए काम कर रहे हैं.
उनका झारखंड के बच्चों, जनता, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं से बेहद आत्मीय संबंध है. बाल मजदूरी व ट्रैफिकिंग पर रोक लगाने व शिक्षा के मौलिक अधिकार सुनिश्चित कराने के लिए श्री सत्यार्थी ने कई बार यात्रा निकाली. उनकी पहली यात्रा 1990 में झारखंड के नगर ऊंटारी से दिल्ली तक निकाली गयी थी. इसमें हजारों लोग शामिल हुए थे. ट्रैफिकिंग को रोकने और इस मामले में लोगों को जागरूक करने के लिए श्री सत्यार्थी के निर्देश पर पूरे राज्य में मुक्ति कारवां अभियान चलाया गया था.
(लेखक श्री सत्यार्थी के कार्यों से जुड़े रहे हैं )

Next Article

Exit mobile version