तारा शाहदेव मामला: गयी थी लाखों के गहने लेकर, लौटी खाली हाथ, पढ़ें कुछ खास बातें

रांची: नेशनल शूटर तारा शाहदेव से धोखे से शादी करने वाले रकीबुल उर्फ रंजीत कुमार कोहली और उसकी मां कौशर के खिलाफ सीबीआइ ने चार्जशीट दायर की है. सीबीआइ ने इस केस की चार्जशीट सीबीआइ के विशेष जज फहीम किरमानी की अदालत में दाखिल की है. यहां हम आपको तारा शाहदेव से जुड़ी कुछ पुरानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2017 12:48 PM

रांची: नेशनल शूटर तारा शाहदेव से धोखे से शादी करने वाले रकीबुल उर्फ रंजीत कुमार कोहली और उसकी मां कौशर के खिलाफ सीबीआइ ने चार्जशीट दायर की है. सीबीआइ ने इस केस की चार्जशीट सीबीआइ के विशेष जज फहीम किरमानी की अदालत में दाखिल की है. यहां हम आपको तारा शाहदेव से जुड़ी कुछ पुरानी यादें ताजा करवाने की कोशिश कर रहे हैं. तारा शादी के बाद जब ससुराल के लिए विदा हुई थी, तो वह अपने साथ लाखों के सोने, हीरे व चांदी के जेवरात लेकर ससुराल गयी थी.

वह 75 हजार रुपये के लहंगे में सज धज कर रंजीत उर्फ रकीबुल के ब्लेयर अपार्टमेंट स्थित फ्लैट में गयी थी, लेकिन जब वह लौटी, तो उसके शरीर पर एक मामूली सूती सलवार शूट था. उसके हाथ में कंगन और गले में सोने की चेन नहीं थे, इतना ही नहीं, पांव के पायल भी गायब थे. लौटते समय उसके मंगल सूत्र भी गले से उतरवा लिये गये थे. सास ने अंगूठी भी उतरवा ली. 15 लाख रुपये से ज्यादा के जेवरात रंजीत के घर में ही रह गये.

रस्म में रंजीत को मिली थी छह चेन, नौ अंगूठी

शादी के बाद रंजीत को एक रस्म (गोड़ लगाई) में तारा के ननिहाल व पिता के परिवार की ओर से सोने की कुल छह चेन और नौ अंगुठियां मिले थे. शादी के बाद ये सारी चीजें फिर तारा ने कभी नहीं देखी.

मां के थे राज घराने वाले बेशकीमती गहने

तारा की मां के पास वजनदार सोने के सेट थे. एक छोटा सेट, जो गले से सटा हुआ था, दूसरा गले से लटकता हुआ लंबा सेट. वहीं चार सोने की चूड़ियां, दो हीरे की अंगूठी, दो हीरे के टॉप्स सहित अन्य सोने-चांदी के जेवरात थे. सारे सामान परिवारवालों ने तारा को ही दे दिया. चूंकि मां नहीं थी, इसलिए उनका सारा सामान तारा को ही देने का फैसला हुआ था. परिजनों ने बताया कि एक आंकलन के मुताबिक 500 ग्राम से लेकर 750 ग्राम तक सारे गहने के वजन थे.

40 से अधिक साड़ी व शूट मिले थे, पर पहन सकी मात्र तीन

शादी में तारा को पिता की ओर से नौ साड़ी व नौ शूट मिले थे. ननिहाल से 15 साड़ी मिले थे. इसमें दो बनारसी साड़ी भी थे. एक पीले रंग की और दूसरी हरे व लाल रंग के (जड़ी से किया हुआ वर्क) थे. ननिहाल से रंजीत की मां को भी कीमती साड़ी मिली थी. साड़ी व शूट मिला कर कुल 40 से अधिक कपड़े तारा को मिले थे, पर इतने दिनों में वह शादी की मात्र तीन ही साड़ियां पहन सकी. सारे कपड़े वहीं रह गये.

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