कुंदन को हीरो की तरह पेश करना दुर्भाग्यपूर्ण : रवींद्र

रांची कोडरमा सांसद डॉ रवींद्र कुमार राय ने कुंदन पाहन के आत्मसमर्पण मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि आत्मसमर्पण कर शांति का रास्ता अपनाना प्रशंसनीय है, लेकिन अपने किये गये कुकर्मों का दंड भोगने के लिए तैयार रहना ही सच्चा आत्मसमर्पण होगा. कानून एवं प्रशासन के समक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2017 6:33 AM
रांची
कोडरमा सांसद डॉ रवींद्र कुमार राय ने कुंदन पाहन के आत्मसमर्पण मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि आत्मसमर्पण कर शांति का रास्ता अपनाना प्रशंसनीय है, लेकिन अपने किये गये कुकर्मों का दंड भोगने के लिए तैयार रहना ही सच्चा आत्मसमर्पण होगा.

कानून एवं प्रशासन के समक्ष आत्मग्लानि महसूस करनेवाले सुधरें. जिंदगी जीने के इच्छुक आत्मसमर्पण करनेवालों के साथ उदारतापूर्ण व्यवहार करें, यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है. कुंदन पाहन को समाज में हीरो की तरह पेश करना, प्रचारित कर प्रसिद्धि देना दुर्भाग्यपूर्ण एवं इंसाफ परस्त समाज का मनोबल तोड़ने वाला कार्य है. हमें पीड़ित व शहीद परिवारों की भावना का भी ख्याल रखना चाहिए. पत्र में डॉ राय ने सुझाव दिया है कि कुंदन पाहन जैसे हत्यारों को सम्मान देने की जरूरत नहीं है.

उसे जीने का अधिकार मिल जाये, यही काफी होगा. ऐसे लोगों के द्वारा आत्मसमर्पण हृदय परिवर्तन नहीं, बल्कि जिंदगी की थकावट है. संगठन में फूट, असुरक्षा, जांबाज जवानों का दबाव और समाज की उपेक्षा एवं नफरत का परिणाम है कुंदन पाहन का आत्मसमर्पण. भविष्य में संविधान एवं कानून के सम्मान की रक्षा की स्वाभाविक प्रवृत्ति समाज में बनी रहे, इसका ख्याल रखना चाहिए.

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