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तैयारी: नगर आयुक्त ने आर्किटेक्ट व लाइसेंसी इंजीनियरों के साथ की बैठक, तीन साल पुरानी रसीद पर पास होगा नक्शा

रांची : नगर आयुक्त प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को आर्किटेक्ट और लाइसेंसी इंजीनियरों की बैठक निगम सभागार में हुई. बैठक में राज्य सरकार द्वारा पुराने घरों का नक्शा पास करने से संबंधित दिये गये आदेश के आलोक में कई नियमों का सरलीकरण किया गया. नगर आयुक्त ने कहा कि घर का नक्शा पास […]

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रांची : नगर आयुक्त प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को आर्किटेक्ट और लाइसेंसी इंजीनियरों की बैठक निगम सभागार में हुई. बैठक में राज्य सरकार द्वारा पुराने घरों का नक्शा पास करने से संबंधित दिये गये आदेश के आलोक में कई नियमों का सरलीकरण किया गया. नगर आयुक्त ने कहा कि घर का नक्शा पास कराने के लिए आवेदकों को वर्ष 2014 के बाद का रेंट रिसिप्ट देना होगा. उससे पहले की रसीद नहीं चलेगी.
इसके अलावा चार मंजिला भवन के नक्शे में 50 प्रतिशत से अधिक डेविएशन (विचलन) होने पर डेविएशन के हिस्से को छह माह के अंदर तोड़ना होगा. आवेदकों को इसका शपथ पत्र देना होगा. शपथ पत्र देने के बाद आवेदक को नक्शा दे दिया जायेगा. मौके पर टाउन प्लानर उदय सहाय, एचके सिंह, आर्किटेक्ट संदीप झा सहित अन्य आर्किटेक्ट उपस्थित थे.
डेविएशन नहीं तो 3000 रुपये पेनाल्टी : एक हजार वर्ग फुट में कोई घर बना है और उसमें बिल्डिंग बायलॉज का पूरी तरह से पालन किया गया है, तो आवेदकों को कम से कम 3000 रुपये फीस देने होंगे. आर्किटेक्ट सुजीत भगत ने बताया कि पांच रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से पूरे भवन पर फीस लगेगी. इसके अलावा 2500 रुपये पेनाल्टी लगेगी. अगर भवन में विचलन है, तो विचलन वाले हिस्से पर 500 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से पेनाल्टी भी लगेगा.
ट्रस्ट एंड वेरीफाई सिस्टम पर उठाये सवाल
आर्किटेक्टों ने राज्य सरकार द्वारा लाये गये ट्रस्ट एंड वेरीफाई सिस्टम पर भी सवाल खड़ा किया. आर्किटेक्टों ने कहा कि नये नियमों के तहत फायर अफसर से लेकर जमीन की जांच करने की जिम्मेवारी आर्किटेक्ट को दी गयी है. भला आर्किटेक्ट कैसे जांच कर बतायेगा कि जमीन सही है या नहीं. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को पत्र लिख कर इसमें सहयोग मांगा जायेगा.

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