15 नवंबर से पहले दें नक्शा पास कराने का आवेदन

रांची: राजधानी में बिना नक्शा पास कराये ही बनाये गये मकानों को रेगुलराइज करने के लिए राज्य सरकार ने शहरवासियों को एक मौका दिया है. पांच अप्रैल 2016 से पहले बने ऐसे भवन, जिनका नक्शा निगम से पास नहीं है, उनके मालिक 15 नवंबर तक निगम में आवेदन दे सकते हैं. ऐसे नक्शों को निगम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2017 6:30 AM
रांची: राजधानी में बिना नक्शा पास कराये ही बनाये गये मकानों को रेगुलराइज करने के लिए राज्य सरकार ने शहरवासियों को एक मौका दिया है. पांच अप्रैल 2016 से पहले बने ऐसे भवन, जिनका नक्शा निगम से पास नहीं है, उनके मालिक 15 नवंबर तक निगम में आवेदन दे सकते हैं. ऐसे नक्शों को निगम 31 दिसंबर से पहले ही स्वीकृति दे देगा. राज्य सरकार के दिये गये इस आदेश से शहर के 1.50 लाख से अधिक मकानों को फायदा होगा.

पूर्व के मास्टर प्लान में शहर के कई क्षेत्र कृषि भूमि के रूप में चिह्नित थे, उन जगहों पर आवास का निर्माण तो कर लिया गया, लेकिन कृषि भूमि होने के कारण ऐसे मकानों का नक्शा निगम ने पास नहीं किया. अब नये मास्टर प्लान में ऐसे भूमि का लैंड यूज भी चेंज किया गया है. इस प्रकार से पूर्व में एग्रीकल्चर लैंड होने के कारण जिन नक्शों को निगम से स्वीकृति नहीं मिली थी, वैसे भवनों के नक्शे को भी निगम पास करेगा.
शपथ पत्र दाखिल करना होगा आवेदक को : नये आदेश के तहत निगम वैसे सभी भवनों का नक्शा पास करेगा, जिनके पास जमीन के वैध कागजात हैं. अगर किसी भवन के द्वारा बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए भवन में व्यापक डेवियेशन किया गया है, तो ऐसे भवन मालिक के नक्शे को निगम से तो स्वीकृति दे दी जायेगी. लेकिन भवन मालिक से निगम यह शपथ पत्र लेगा कि वह खुद से अपने अतिक्रमित स्थल को तोड़ देगा. छह माह के अंदर अपने डेवियेशन वाले पार्ट को नहीं तोड़ने पर निगम ऐसे भवनों पर जबरन हथौड़ा चलायेगा.
1000 वर्गफीट के मकान के लिए लगेंगे 3000 रुपये : नये नियमों के तहत अगर किसी भवन का निर्माण बिल्डिंग बायलॉज के अनुकूल किया गया है, तो ऐसे 1000 वर्गफीट के मकान के नक्शे को निगम केवल 3000 की राशि लेकर स्वीकृत कर देगा.

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