कोयला: कोल इंडिया अपेक्स कमेटी की बैठक बेनतीजा, यूनियन नेता अड़े, सीएमपीएफ के विलय का विरोध

धनबाद: पांच मजदूर संगठनों द्वारा कोयला उद्योग में 19 से 21 जून तक की आहूत हड़ताल को स्थगित करवाने की कोल इंडिया प्रबंधन की कोशिश शुक्रवार को नाकाम रही. दिल्ली में कोल इंडिया एपेक्स कमेटी की हुई बैठक में प्रबंधन को की सारी दलीलों को नकारते हुए दो टूक कहा कि सीएमपीएफ के विलय पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2017 7:04 AM
धनबाद: पांच मजदूर संगठनों द्वारा कोयला उद्योग में 19 से 21 जून तक की आहूत हड़ताल को स्थगित करवाने की कोल इंडिया प्रबंधन की कोशिश शुक्रवार को नाकाम रही. दिल्ली में कोल इंडिया एपेक्स कमेटी की हुई बैठक में प्रबंधन को की सारी दलीलों को नकारते हुए दो टूक कहा कि सीएमपीएफ के विलय पर कोई समझौता नहीं होगा.

कोल इंडिया चेयरमैन एस भट्टाचार्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रबंधन ने कोल मंत्रालय के संयुक्त सचिव आरपी गुप्ता का एक पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया है कि सीएमपीएफ के विलय करने के पूर्व मंत्रालय ट्रेड यूनियन नेताओं से बातचीत करेगा. बैठक में कोल इंडिया के डीपी एसएन प्रसाद, सीसीएल गोपाल सिंह, ईसीएल, डब्ल्यूसीएल आरआर मिश्रा और एनसीएल के सीएमडी टीके नाग, सीनियर मैनेजर मनोज कुमार, कोल इंडिया सलाहकार भगवान पांडेय, डी बीके राय (बीएमएस), रमेंद्र कुमार (एटक), नथ्थुलाल पांडेय(एचएमएस) और सीटू के डीडी रामानंदन शामिल थे. बैठक नाकाम होने के बाद सबकी निगाहें छह जून को होनेवाली जेबीसीसीआई की 10वीं बैठक पर टिक गयी है.
बैठक में सीएमपीएफ के अलावा किसी मुद्दे पर नहीं हुई बात
प्रबंधन द्वारा कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव के पत्र को प्रस्तुत करने के बाद नेताओं ने कहा कि मंत्रालय ने बगैर मशविरा के विलय की प्रक्रिया शुरू ही नहीं की, बल्कि चालू भी रखा. इससे काम नहीं होगा. सीएमपीएफ के विलय पर कोई समझौता नहीं होगा. मंत्रालय को साफ-साफ कहना होगा कि विलय नहीं होगा. इसके बाद प्रबंधन ने पेंशन, मेडिकल आदि मुद्दों पर बात शुरू की, जिसे नेताओं ने सुनने से इंकार करते हुए कहा कि पहले सीएमपीएफ का हल निकले. प्रबंधन ने कहा कि ये सरकार से जुड़ा मामला है. यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रबंधन यूनियन की बात सरकार तक पहुंचाए. इसके बाद बैठक खत्म हो गयी. बैठक के बाद उपरोक्त जानकारी संयुक्त रूप से देते हुए नेताओं ने कहा कि हड़ताल के मुद्दे पर बगैर इंटक कोई बात नहीं होगी. उन्होंने कोल इंडिया प्रबंधन और अधिकारियों से आग्रह किया कि कोयला मजदूरों को सहयोग करें और दुर्भावना से काम न करें.

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