अंतरराष्ट्रीय उरांव कुडुख संस्कृति सम्मेलन का समापन, एकजुटता का लिया संकल्प

रांची: अंतरराष्ट्रीय उरांव कुडुख संस्कृति सम्मेलन का समापन शुक्रवार को आरोग्य भवन, बरियातू रोड में हुआ, जिसमें भारत के विभिन्न राज्य और पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश व भूटान से उरांव प्रतिनिधि शामिल हुए़ सम्मेलन में गांवों के शहरीकरण, शहरों के औद्योगिकीकरण, पश्चिमी संस्कृति के दुष्प्रभाव और रीति-रिवाज परंपराओं व संस्कृति में संक्रमण सहित कई विषयों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2017 7:05 AM
रांची: अंतरराष्ट्रीय उरांव कुडुख संस्कृति सम्मेलन का समापन शुक्रवार को आरोग्य भवन, बरियातू रोड में हुआ, जिसमें भारत के विभिन्न राज्य और पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश व भूटान से उरांव प्रतिनिधि शामिल हुए़ सम्मेलन में गांवों के शहरीकरण, शहरों के औद्योगिकीकरण, पश्चिमी संस्कृति के दुष्प्रभाव और रीति-रिवाज परंपराओं व संस्कृति में संक्रमण सहित कई विषयों पर चर्चा हुई़ इसमें समाज को संगठित करने का संकल्प लिया गया़ राष्ट्रीय उरांव संस्कृति सुरक्षा मंच का गठन भी हुआ़.
संयोजक संदीप उरांव ने साल (सखुआ) पेड़ की पूजा की महत्ता के बारे में बताया़ उन्होंने कहा कि आदिवासियों के लिए आदिकाल से ही साल वृक्ष उपयोगी रहा है़ इसकी टहनियों, पत्तों व फूलों का उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाता है़ लकड़ियां गृह निर्माण में काम आतीं हैं. वहीं इसके विभिन्न हिस्सों का उपयोग पूजा-पाठ व दव के रूप में होता है़ डॉ दिवाकर मिंज ने कुड़ुख समाज के इतिहास, अंडमान से आयी संपति खलखो ने गोदना के प्रचलन, महरंग उरांव ने जन्म संस्कार में होनेवाले अनुष्ठान, छत्तीसगढ़ के जगेश्वर राम भगत ने विवाह अनुष्ठान और असम से आये जुगेश्वर उरांव ने डंडा कटना के बारे में जानकारी दी़.
सम्मेलन में यह बात स्पष्ट हुई कि सैकड़ों वर्ष पूर्व पलायन के बावजूद आज भी कुड़ुख भाषा व रीति-रिवाजों में एकरूपता बनी हुई है़
असम के जुगेश्वर उरांव बने अध्यक्ष : इस अवसर पर राष्ट्रीय उरांव संस्कृति सुरक्षा मंच का गठन किया गया़ इसमें असम के जुगेश्वर उरांव अध्यक्ष, जशपुर के जगेश्वर राम भगत उपाध्यक्ष, रांची के संदीप उरांव महामंत्री, बेड़ो के भीखा उरांव कोषाध्यक्ष और अंडमान की संपति खलखो, रांची के कृष्णकांत टोप्पो व कैलाश उरांव, रायपुर के करण सत्य भगत, दिनाजपुर के गोविंद कुजूर, नेपाल के संतोष उरांव, त्रिपुरा के अलीजी उरांव व लोहरदगा के चैतू उरांव कार्यकारी सदस्य चुने गये़.

Next Article

Exit mobile version