रांची : रिम्स प्रबंधन के आदेश पर महिला डॉक्टर की देखरेख में स्त्री एवं प्रसूति विभाग शुरू होगा, लेकिन मरीजों का परामर्श देने का तरीका बदलेगा. मरीजों का देखने का नया प्लान बनाया गया है. इसके अनुसार, गायनी इमरजेंसी में अब मरीजों की अनावश्यक भीड़ नहीं लगेगी. लेबर रूम में गंभीर अवस्था में गर्भवती महिला आयेगी, जिनका कोरोना स्क्रीन व जांच कराना संभव नहीं होगा. इसलिए एक महिला डाॅक्टर सिर्फ चार मरीज को ही परामर्श देंगी. डाॅक्टरों की दलील है कि मरीजों काे पीपीइ किट पहन कर परामर्श दिया जायेगा. पीपीइ किट तीन से चार घंटा पहनना आसान नहीं होगा,क्योंकि यह प्लास्टिक का होता है. चार मरीज की हिस्ट्री लेने व उनकी जांच करने में समय पूरा हो जायेगा.
मरीजों की जांच के लिए डॉक्टरों की चार टीम बनायी गयी है. अगर डॉक्टरों को मरीज में कोरोना संक्रमण का संदेह होगा तो गर्भवती महिला की डिलिवरी ओल्ड ट्रॉमा सेंटर में बनाये गये लेबर रूम में करायी जायेगी. अन्य गर्भवती महिलाओें की डिलिवरी रिम्स के पुराने लेबर रूम में करायी जायेगी.बुधवार दोपहर तक नहीं आयी रिपोर्ट, आज से काम करेगा लेबर रूम रिम्स के स्त्री विभाग के डॉक्टरों की कोरोना जांच रिपोर्ट बुधवार दोपहर तक नहीं अायी. इससे शाम तक लेबर रूम शुरू नहीं किया जा सका.
महिला डॉक्टरों को बताया गया कि बुधवार की देर रात तक जांच हो जायेगी व रिपोर्ट जारी कर दी जायेगी. डॉक्टरों ने गुरुवार से काम शुरू करने की सूचना रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप को दे दी है.