Jharkhand : आंदोलनकारियों को हेमंत सरकार देगी विशेष लाभ, जानिए कौन-कैसे ले सकेंगे लाभ
झारखंड आंदोलनकारी के रूप में पहचान के लिए अब आंदोलनकारी के आश्रित भी दावा कर सकेंगे. वहीं चिह्नित आंदोलनकारी भी दूसरे आंदोलनकारियों की पहचान कर सकेंगे.आंदोलनकारियों के चिह्नितिकरण के लिए राज्य सरकार ने नया फॉर्मेट बनाया है. इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज प्रोजेक्ट भवन सभागार में जारी करेंगे.
Jharkhand News : झारखंड आंदोलनकारी के रूप में पहचान के लिए अब आंदोलनकारी के आश्रित भी दावा कर सकेंगे. वहीं चिह्नित आंदोलनकारी भी दूसरे आंदोलनकारियों की पहचान कर सकेंगे. आंदोलनकारियों के चिह्नितिकरण के लिए राज्य सरकार ने नया फॉर्मेट बनाया है. इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज प्रोजेक्ट भवन सभागार में जारी करेंगे. इस कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से 10-10 आंदोलकारी को भी बुलाया गया है. सबको नये फॉर्मेट की जानकारी भी दी जायेगी.
जानिए क्या है नये फॉर्मेट में
पूर्व के फॉर्मेट में आंदोलनकारी होने से संबंधित दस्तावेज की मांग की गयी थी. साथ ही जेल में मिली सजा को आधार बनाया गया था. पर अब नये फॉर्मेट में कई बदलाव किये गये हैं. इसमें आंदोलनकारी स्वयं अथवा उनके निधन होने की स्थिति में आश्रित आवेदन कर सकेंगे. इसमें पुलिस कागजात, न्यायालय कागजात, कारा कागजात की अभिप्रमाणित प्रति संलग्न करना है. कारा प्रमाण पत्र में जो कांड संख्या अंकित है, उसी से संबंधित पुलिस कागजात, न्यायालय आदेश की प्रति देनी है. आवेदक के पहचान पत्र में स्वयं अथवा पिता के नाम पुलिस कागजात, कारा प्रमाण पत्र, न्यायालय कागजात में से भिन्नता होने की स्थिति में नाम में अंतर संबंधित शपथ-पत्र आयोग को समर्पित करना अनिवार्य होगा.
ये दस्तावेज होंगे आवश्यक
आवेदक को पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड आदि जमा करना है. साथ ही झारखंड अलग राज्य गठन हेतु आंदोलनाकरी होने का प्रमाण से संबंधित दस्तावेज भी देना है. आश्रित यदि आवेदन कर रहे हैं तो मूल आंदोलनकारी के मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है. आश्रित को अंचालाधिकारी से निर्गत वंशावली, कुर्सीनामा एवं इससे संबंधित शपत पत्र संलग्न करना है.
आंदोलनकारी दूसरे आंदोलनकारी की कर सकेंगे पहचान
नये फॉर्मेट में किये गये बदलाव के तहत अब चिह्नित आंदोलनकारी भी दूसरे आंदोलनकारी की पहचान कर सकेंगे. इनके अलावा पहचानकर्ता राजपत्रित पदाधिकारी और ग्राम प्रधान में से कोई एक हो सकता है. नये फॉर्मेट में झारखंड सरकार द्वारा प्रकाशित झारखंड आंदोलन के सेनानी पुस्तक में नाम अंकित है तो इसका भी उल्लेख करना है. झारखंड आंदोलन से संबंधित अन्य दस्तावेज के रूप में संबंधित पार्टी का विवरण भी देना होगा.
क्या मिलेगा लाभ
नये फॉर्मेट के आधार पर चिन्हित होने के बाद राज्य सरकार कई लाभ देने वाली है. आंदोलकारी के पुलिस फायरिंग अथवा जेल में मृत या दिव्यांग (40 फीसदी से ज्यादा) हुए आंदोलनकारी के आश्रित परिवार के एक सदस्य को राज्य सरकार के तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग पदों पर सीधी नियुक्ति की जायेगी. अन्य आंदोलनकारियों के एक आश्रित के लिए तृतीय एवं चतुर्थवर्गीय पदों पर सरकारी नियुक्ति में पांच फीसदी का क्षैतिज आरक्षण एक बार दिया जायेगा. जेल में रहने एवं मृत्यु होने पर आंदोलकारी/उनके एक आश्रित को जीवनकाल तक पेंशन दिया जायेगा. जो तीन माह से कम जेल में रहने पर 3500 रुपये, तीन माह से छह माह तक जेल में रहने वाले को 5000 रुपये और छह माह से अधिक रहने वाले आंदोलनकारी को 7000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दिया जायेगा.
मिलेगा लाभ, करना होगा आवेदन
इसका लाभ झारखंड आंदोलन में योगदान देने वाले सभी लोग एवं उनके आश्रित को इसका लाभ मिलेगा. इसके अतिरिक्त आश्रित की श्रेणी में पत्नी, पुत्र, अविवाहित पुत्री, पुत्र की विधवा पत्नी, आंदोलनकारी महिला के पति और आंदोलनकारी के पोता और पोतियों को इसका लाभ मिलेगा. नये निर्धारित फॉर्मेट के आधार पर आवेदन करना होगा. इसके लिए आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग के राज्य स्तरीय कार्यालय में आवेदन करना होगा. अगर कोई राज्य स्तरीय कार्यालय में आवेदन करने में सक्षम नहीं होंगे तो वे संबंधित जिला के उपायुक्त कार्यालय में भी आवेदन कर सकेंगे.