प्रवासियों की सूचना व इनकी निगरानी के लिए बनी त्रिस्तरीय कमेटी
दूसरे राज्यों से 30 अप्रैल के बाद झारखंड आने वाले मजदूरों व छात्रों सहित अन्य लोगों की निगरानी के लिए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने तीन स्तरों पर कमेटियों का गठन किया है. ग्रामीण, शहरी और थाना स्तर पर सूचना एकत्र करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. कहा गया है कि देश के दूसरे हिस्सों में फंसे झारखंड के लोग रेल, बस, निजी वाहन या फिर पैदल भी वापस लौट रहे हैं. कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए बाहर से लौट रहे लोगों की जानकारी व जांच के बाद उन्हें कोरेंटाइन किया जाना जरूरी है.
रांची : दूसरे राज्यों से 30 अप्रैल के बाद झारखंड आने वाले मजदूरों व छात्रों सहित अन्य लोगों की निगरानी के लिए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने तीन स्तरों पर कमेटियों का गठन किया है. ग्रामीण, शहरी और थाना स्तर पर सूचना एकत्र करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. कहा गया है कि देश के दूसरे हिस्सों में फंसे झारखंड के लोग रेल, बस, निजी वाहन या फिर पैदल भी वापस लौट रहे हैं. कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए बाहर से लौट रहे लोगों की जानकारी व जांच के बाद उन्हें कोरेंटाइन किया जाना जरूरी है.
इस संबंध में मुख्य सचिव ने जिलों के डीसी-एसपी और संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा है. तीन स्तरीय कमेटी संबंधित जिलों के डीसी को सभी थाना स्तर पर बाहरी लोगों की जानकारी एकत्र करने के लिए कमेटी गठित करने का निर्देश है. कमेटी में बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ, मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज, थाना प्रभारी और संबंधित प्रखंड के आपूर्ति या पणन पदाधिकारी शामिल होंगे. ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ तथा शहरी क्षेत्र में नगर निकाय के पदाधिकारी ग्रामवार, वार्डवार बाहर से आने वाले लोगों की सूची तैयार करेंगे.
बाहरी व्यक्ति की सूचना मिलने पर 24 घंटे के अंदर क्षेत्र की एएनएम या संबंधित स्वास्थ्य केंद्र या उपकेंद्र द्वारा स्क्रीनिंग की जायेगी. स्क्रीनिंग के बाद संबंधित व्यक्ति को होम कोरेंटाइन या कोरेंटाइन सेंटर में भेजने का निर्णय मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज करेंगे. अगर कोरेंटाइन सेंटर में किसी को भेजने का निर्णय होने पर तत्काल उस व्यक्ति को कोरेनेटाइन सेंटर भेजना है. होम कोरेंटाइन में रहने वाले व्यक्ति के घर का कोई एक सदस्य ही रोजमर्रा की चीजें लाने के लिए घर से बाहर जा सकता है. होम कोरेंटाइन की अवधि 14 दिनों की होगी. होम कोरेनटाइन के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले शख्स की जानकारी संबंधित कमेटी को देनी होगी.
ग्रामीण क्षेत्र : ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर से आने वाले व्यक्ति की सूचना बीडीओ, सीओ व थानेदार को उपलब्ध करानी है. सूचना देने की जवाबदेही ग्राम प्रधान, मानकी-मुंडा, पंचायत प्रतिनिधि, वार्ड पार्षद, शिक्षक, चौकीदार, आंगबाड़ी सेविका, जन वितरण प्रणाली दुकानदार और सहिया की होगी. इनके अलावा स्वयं सहायता समूह, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गठित निगरानी समिति, विद्यालय प्रबंधन समिति और पेयजल एवं स्वच्छता की ग्राम समिति भी यह काम करेगी.
शहरी क्षेत्र : शहरी क्षेत्र में आ रहे प्रवासियों की सूचना सीओ, थाना प्रभारी और नगर निकाय को उपलब्ध करानी है. वार्ड सदस्य, शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका, जन वितरण प्रणाली दुकानदार, सहिया, रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, स्वयं सहायता समूह, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गठित निगरानी समिति, विद्यालय प्रबंधन समिति और पेयजल एवं स्वच्छता की ग्राम समिति को सूचना देने की जवाबदेही दी गयी है.