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सावधान: झारखंड में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से बन रहा आधार कार्ड, दलालों ने बनायी फेक वेबसाइट

जन्म प्रमाण पत्र में क्यूआर कोड होने के बाद भी आधार केंद्रों में इसकी जांच नहीं हो रही है, इससे फर्जी दस्तावेजों के सहारे आधार कार्ड बनवाने का खेल चल रहा है.

Jharkhand Crime News: फर्जी दस्तावेजों के सहारे आधार कार्ड बनवाने का खेल चल रहा है. जन्म प्रमाण पत्र में क्यूआर कोड होने के बाद भी आधार केंद्रों में इसकी जांच नहीं हो रही है. इन दस्तावेजों के जरिये नये आधार बनाने से लेकर आधार में जन्मतिथि सुधार का भी काम हो रहा है. आश्चर्य की बात है कि हाल में ही यूआइडीएआइ ने देश की सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया था कि अपने संस्था को निर्देश दें कि आधार को स्वीकार करने से पहले उसका सत्यापन कर लें. लेकिन इसका पालन नहीं होने से फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से आधार बन रहा है.

कागजात की जांच के लिए वेरीफायर भी होते हैं. उनका काम यह देखना होता है कि कागजात में किसी प्रकार की त्रुटि या अन्य प्रकार की कोई समस्या तो नहीं है. हाल यह है कि इसे स्कैन करके नहीं देखा जा रहा है कि संबंधित कागजात असली या नकली है. जबकि, जन्म प्रमाण पत्रों में क्यूआर कोड भी रहता है.

दलालों ने बनायी वेबसाइट :

फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने में झारखंड, बिहार सहित अन्य राज्यों के दलाल शामिल हैं. लोगों को शंका न हो, इसके लिए दलालों ने मिलती-जुलती वेबसाइट भी बना डाली है. जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम केंद्र सरकार के वास्तविक वेबसाइट crsorgi.gov.in से होता है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र में दिये गये क्यूआर कोड को जैसे ही स्कैन किया जाता है, तो मिलती-जुलती वेबसाइट पर सर्टिफिकेट की जानकारी दिखने लगती है. इन दलालों ने crsorgii-govr.in या crsorgi-gov.co या crsorgigovr.co.in एवं crsorigovin.com एवं echhawani.gov.in एवं crsorgi-gov.co जैसी फर्जी वेबसाइट बना ली है.

जो भी लोग जन्म प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं, कुछ दिनों तक तो यह काम करता है, उसके बाद यह काम नहीं करता है. क्यूआर कोड को स्कैन करने पर 404 नॉट फाउंड का मैसेज दिखने लगता है.

प्रभात खबर ने दस्तावेज को स्कैन किया, तो मिला फर्जी

केस 1 : कावेरी मेहता ने आधार केंद्र पर जन्म प्रमाण पत्र देकर नये आधार के लिए आवेदन किया. यह प्रमाण पत्र पटना नगर निगम से जारी है. क्यूआर कोड को स्कैन करने पर यह प्रमाण पत्र फर्जी निकला. जबकि, इसी दस्तावेज पर आधार केंद्र ने इनके काम के लिए प्रोसेसिंग कर दिया है. बच्ची का आधार भी जारी हो गया है.

केस 2 : रोहन कुमार ने भी नये आधार के लिए नगर निगम, रांची से जारी जन्म प्रमाण पत्र दिया था. जांच में यह भी प्रमाण पत्र फर्जी मिला है. बच्चे का नया आधार कार्ड बन गया है.

केस 3 : पृथ्वी टोप्पो ने अपने नये आधार के लिए नगर निगम, रांची से जारी प्रमाण पत्र के रूप में दिया था. जांच की गयी, तो यह प्रमाण-पत्र फर्जी निकला. आश्चर्य की बात है इसी प्रमाण-पत्र पर नया आधार भी बन गया है.

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