राजेश कुमार / रांची
सड़क जाम से लोग परेशान हैं. ट्रैफिक व्यवस्था बदतर हो गयी है. हाल यह है कि सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही हैं. पिछले 22 सालों में सड़कों की चौड़ाई नहीं बढ़ी, लेकिन गाड़ियों का बोझ लगातार बढ़ रहा है. रांची में वाहनों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. हाल यह है कि हर साल औसतन रांची में 97,817 वाहन बढ़ रहे हैं. 2022 में रांची में 96,267 वाहन, 2021 में 90,592 वाहन, 2020 में 94,876 और 2019 में 1,09,535 वाहनों की बिक्री हुई है. जबकि, रांची में कुल निबंधित वाहनों की संख्या 13.83 लाख पहुंच गयी है.
यह है वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण
जानकारों का कहना है कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद यहां ग्रोथ काफी बढ़ा है. इस कारण वाहनों की संख्या बढ़ी है. साथ ही आबादी भी तेजी से बढ़ी है. लेकिन, शहर में सड़कों की चौड़ाई बढ़ने के बजाय घट गयी है. खास कर सड़कों पर अतिक्रमण के कारण यह स्थिति हुई है. इधर, अधिकारियों का कहना है कि वाहनों की संख्या बढ़ रही है, तो सड़कों से वाहनों की संख्या कम भी हो रही है. गाड़ियों के 15 साल की अवधि में कबाड़ घोषित किये जाने के बाद कई गाड़ियां डंप की जा रही है. वहीं कई वाहन दूसरे राज्यों में चले गये हैं.
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रांची में निजी कार 2.58 लाख, तो 9.55 लाख दोपहिया वाहन
रांची में निजी कार की संख्या 2.58 लाख, तो वहीं मोटरसाइकिल, स्कूटी एवं मोपेड की कुल संख्या 9.55 लाख है. हर साल हो रहे वाहनों की बिक्री में दो पहिया वाहनों की हिस्सेदारी लगभग 60-65 प्रतिशत रह रही है. जबकि, चारपहिया वाहनों की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत है.