रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास सचिव चंद्रशेखर ने कहा कि अबुआ आवास योजना के तहत 31 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं. इनमें से 29.97 लाख का सत्यापन किया जा चुका है. लगभग एक लाख आवेदन डुप्लीकेट मिले हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत झारखंड में 2.89 लाख सखी मंडलों का गठन किया गया है. इससे 32.94 लाख परिवारों को जोड़ा गया है. पिछले चार वर्षों में 1.18 लाख सखी मंडलों का गठन कर 15.29 लाख परिवारों को जोड़ा गया है. 5 लाख से अधिक महिला किसानों को लखपति बनाया जा चुका है. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 97.83 प्रतिशत निर्माण पूर्ण कर लिए गए हैं. 2016-2022 तक इस योजना के तहत 15,92,171 आवासों की स्वीकृति दी गयी थी. इसमें से 15,57,730 आवास पूर्ण हो चुके हैं. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव सूचना भवन के सभागार में पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दे रहे थे.
बंजर भूमि पर कांटारहित कैक्टस के पौधे लगाने की योजना पर कार्य
झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव चंद्रशेखर ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग अबुआ आवास निर्माण से जुड़ी गतिविधियों में लगातार तेजी ला रहा है. योजना में अब तक ग्रामीणों से कच्चा मकान को पक्का करने के लिए 31 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं. उसमें से 29.97 लाख आवेदनों का सत्यापन किया जा चुका है. उसमें से लगभग एक लाख आवेदन डुप्लीकेट मिले हैं. पिछले चार वर्ष की उपलब्धि और आगे की कार्ययोजना से अवगत कराते हुए कहा कि विभाग बंजर भूमि पर कांटा रहित कैक्टस के पौधे लगाने की योजना पर कार्य कर रहा है. यह पशु चारा के साथ वेगन लेदर निर्माण में भी काम आएगा.
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चालू वित्तीय वर्ष में 911.49 लाख मानव दिवस का सृजन
4 वर्ष के भीतर मनरेगा के तहत अब तक 4135 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 900 लाख अनुमोदित मानव दिवस के विरुद्ध अब तक कुल 911.49 लाख मानव दिवस सृजन करते हुए कुल 2962.40 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. शत-प्रतिशत मजदूरी का भुगतान किया गया है. इस वित्तीय वर्ष में 1100 लाख से अधिक मानव दिवस सृजन का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है. 4 वर्षों में मनरेगा की 23.73 लाख योजनाओं को पूर्ण किया जा चुका है तथा 6.85 लाख योजनाओं पर कार्य जारी है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी अब तक कुल 6.26 लाख योजना पूर्ण की जा चुकी है. मानव दिवस सृजन में महिलाओ की भागीदारी का प्रतिशत 47.87 है. दूसरी ओर बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत ग्रामीणों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से पिछले 4 वर्षों में कुल 1,31,850 एकड़ भूमि पर बागवानी के लक्ष्य के विरुद्ध कुल 1,10,665 एकड़ भूमि पर बागवानी के माध्यम से अब तक कुल 1,27,381 परिवारों को लाभान्वित किया गया है. नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत 4 वर्षों में जल संचयन एवं मृदा संरक्षण के उद्देश्य से पूरे राज्य में अब तक कुल 5,84,511 योजनाओं को पूर्ण किया गया है तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 1,10,903 योजनाओं पर कार्य जारी है.
4184 खेल मैदान हो चुके तैयार
बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन मिशन के तहत मनरेगा एवं राज्य योजना मद की राशि से बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन मिशन अन्तर्गत एक लाख सिंचाई कूप निर्माण किया जा रहा है. वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में 10 हजार अतिरिक्त वीर शहीद पोटो हो खेल मैदान निर्माण का लक्ष्य है. 4 वर्षों में ग्रामीण युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अब तक कुल 4184 खेल मैदान तैयार हो चुके हैं तथा 5071 योजनाओं पर कार्य जारी है. पूर्व में पंचायत स्तर पर योजना का क्रियान्वयन किया जाता था, अब ग्राम स्तर पर क्रियान्वित की जा रही है. मनरेगा से अभिसरण के माध्यम से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के लाभुकों को पशु शेड दिए जाने का प्रावधान है. इसके तहत 27786 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है. अब तक 13309 योजनाओं में शेड निर्माण पूर्ण किया जा चुका है. मनरेगा तथा महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के साथ अभिसरण कर पिछले 4 वर्षों में कुल 1731 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है तथा 1571 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण जारी है.
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सामाजिक सुरक्षा की राशि बढ़ाई
सामाजिक सुरक्षा के तहत मनरेगा अन्तर्गत सृजित पद के विरुद्ध कार्यरत प्रति कर्मी को राज्य सरकार द्वारा दो वर्ष के लिए 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिए जाने तथा दुर्घटना से मृत्यु के उपरांत उनके वैध उत्तराधिकारी को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है. दुर्घटना में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु (हत्या सहित) होने अथवा स्थायी रूप से दिव्यांग/अंगभंग हो जाने पर पहले राशि 75 हजार रुपये दिये जाते थे, जिसे बढ़ाकर 02 लाख रुपये कर दिया गया है. दुर्घटना में आंशिक रूप से दिव्यांग होने पर पहले 37,500 रुपये दिये जाते थे, जिसे बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है. सामान्य मृत्यु होने पर पहले 30 हजार रुपये दिये जाते थे, जिसे बढ़ाकर 01 लाख रुपये कर दिये गये हैं. मनरेगा योजना अन्तर्गत निर्मित डोभा, कुएं में डूबने से मनरेगा वाले मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान पहले 50 हजार रुपये दिये जाते थे, जिसे बढ़ाकर 01 लाख रुपये कर दिया गया है.
बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन मिशन
मनरेगा अन्तर्गत बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन मिशन के माध्यम से राज्य भर में कुल 01 लाख कूपों का निर्माण 15 नवम्बर, 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है, इसके तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 50 हजार एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 (15 नवम्बर, 2024 तक) में 50 हजार कूप का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना है. विद्यालय जाने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ ही उनकी पोषण आवश्यकता को पूरा करने के साथ रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मनरेगा एवं स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अभिसरण से विद्यालयों में पोषण वाटिका का निर्माण किया जा रहा है. इसके अन्तर्गत 4960 चिह्नित विद्यालयों के विरुद्ध 3971 विद्यालयों में पोषण वाटिका का निर्माण कार्य प्रारम्भ है. मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण रिर्पोट के आधार पर गत 04 वर्षों में 803 मामलों में कुल 40,43,136 रुपये की रिकवरी की गई है। इसके साथ कार्रवाई के रूप में 04 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. 4570 कर्मियों पर अर्थदण्ड एवं 02 कर्मियों को सेवामुक्त किया गया है. 04 वर्षों में 08.01.2024 तक वित्तीय वर्षवार 2897 पंचायतों का सामाजिक अंकेक्षण किया जा चुका है.
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 97.83 प्रतिशत निर्माण पूर्ण
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 97.83 प्रतिशत निर्माण पूर्ण कर लिए गए हैं. 2016-2022 तक इस योजना के तहत 15,92,171 आवासों की स्वीकृति दी गयी थी. इसमें से 15,57,730 आवास पूर्ण हो चुके हैं. भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के परफारमेंस इनडेक्स के अनुसार झारखंड राज्य इस मामले में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है. पिछले चार वर्षों में इस योजना के तहत 7,76,642 आवासों की स्वीकृति दी गयी. इसमें से 10,48,262 आवास पूर्ण हो चुके हैं. वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में पूर्ण आवासों का प्रतिशत 67.29 है. इसी तरह बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत चार वर्षों में लंबित आवास सहित कुल 33.795 आवास पूर्ण किये जा चुके हैं.
दीनदयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
दीनदयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत झारखंड में 2.89 लाख सखी मंडलों का गठन किया गया है. इससे 32.94 लाख परिवारों को जोड़ा गया है. पिछले चार वर्षों में 1.18 लाख सखी मंडलों का गठन कर 15.29 लाख परिवारों को जोड़ा गया है. 5 लाख से अधिक महिला किसानों को लखपति बनाया जा चुका है. इसके अतिरिक्त ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने महिला उत्पादक संगठन, जोहार परियोजना, झारखंड सूक्ष्म टपक सिंचाई परियोजना, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना, पलाश ब्रांड, फूलो झानो आशीर्वाद अभियान, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, बिरसा विशिष्ट जनजातीय विकास योजना एवं उड़ान परियोजना, प्रखंड भवन निर्माण कार्य आदि से जुड़ी जानकारी पत्रकार वार्ता में साझा की.