झारखंड ऊर्जा संचरण निगम व जरेडा के कार्यालय में एसीबी का छापा

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने शुक्रवार को एलाइड सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के डोरंडा स्थित जरेडा कार्यालय और धुर्वा स्थित झारखंड ऊर्जा विकास निगम के कार्यालय पर दबिश दी. वित्तीय अनियमितता व पद का दुरुपयोग सहित अन्य आरोपों के मामले में दबिश देने पहुंची एसीबी की दो अलग-अलग टीमों ने घंटों दस्तावेजों की पड़ताल की. इस दौरान एजेंसी को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 30, 2020 5:01 AM

रांची : एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने शुक्रवार को एलाइड सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के डोरंडा स्थित जरेडा कार्यालय और धुर्वा स्थित झारखंड ऊर्जा विकास निगम के कार्यालय पर दबिश दी. वित्तीय अनियमितता व पद का दुरुपयोग सहित अन्य आरोपों के मामले में दबिश देने पहुंची एसीबी की दो अलग-अलग टीमों ने घंटों दस्तावेजों की पड़ताल की. इस दौरान एजेंसी को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं.

एक अधिकारी ने बताया कि योग्य नहीं होते हुए भी एलाइड सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार को जरेडा का निदेशक बनाया गया था. इनके निदेशक बनने के बाद जरेडा के नियम में संशोधन कर एलाइड सर्विस वाले को भी निदेशक बनाने की मंजूरी दी गयी थी. वहीं, जरेडा के ही एक टेंडर में संवेदक ने जो बैंक गारंटी दी थी, वह जाली थी. इसकी जानकारी होने के बाद भी निरंजन कुमार ने इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं करवायी थी.

वहीं, मामले से जुड़ी फाइल एक कार्यपालक अभियंता ने अपने पास दबा कर रख ली थी. जब इस मामले में किसी ने सूचना के अधिकार अधिनयम के तहत जानकारी मांगी तब निरंजन कुमार के बाद जो जरेडा के निदेशक बने, उन्होंने मामले में डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस संबंध में एसीबी को दस्तावेज हाथ लगे हैं. एसीबी का सर्च अभियान शनिवार को भी जारी रहेगा.यह है आरोपनिरंजन कुमार इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंटस एंड फाइनांस सर्विस के अधिकारी हैं. आरोप है कि ये अपने पुराने परिचयों का दुरुपयोग कर झारखंड ऊर्जा संचरण निगम का एमडी और जेरेडा के निदेशक बने.

जबकि उक्त पदों के लिए इनके पास कोई अहर्ता नहीं थी. 29 जनवरी 2019 को प्रतिनियुक्त अवधि समाप्त होने के बाद इनकी प्रतिनियुक्ति अवधि का विस्तार केंद्र सरकार द्वारा नहीं किये जाने की शिकायत भी एसीबी को मिली है. बिना विस्तार के भी यह कुछ अवधि तक झारखंड में काम करते रहे थे. इस अवधि के दौरान निरंजन कुमार पर अपने वेतन की निकासी अवैध ढंग से करने का आरोप है.

वहीं, सरकार के विभिन्न खातों से करीब 170 करोड़ का भुगतान करने के अलावा बिना अनुमति के सपरिवार विदेश यात्रा करने, पत्नी नाम से अर्जित संपत्ति का ब्योरा नहीं देने और निविदा में मनमानी कर संबंधित कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए शर्त में फेरबदल का भी आरोप है. निरंजन कुमार के खिलाफ जांच करने की अनुमति एसीबी ने जुलाई 2018 में ही सरकार से मांगी थी, लेकिन उस वक्त अनुमति नहीं दी गयी थी

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