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कृषि विभाग का अधिकारी बन 30 करोड़ की ठगी करने का आरोपी गिरफ्तार

कृषि विभाग का अधिकारी बनकर राज्य के कई लोगों से करीब 25-30 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोपी दीपक श्रीवास्तव को लालपुर पुलिस ने मोरहाबादी मैदान से गिरफ्तार कर लिया है

रांची़ कृषि विभाग का अधिकारी बनकर राज्य के कई लोगों से करीब 25-30 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोपी दीपक श्रीवास्तव को लालपुर पुलिस ने मोरहाबादी मैदान से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी मूल रूप से बिहार में आरा जिले के चरपोखरी थाना क्षेत्र का रहनेवाला है. इसका वर्तमान पता धनबाद के धनसार थाना क्षेत्र का अनुग्रह नगर है. एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने यह जानकारी गुरुवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने आरोपी के पास से 1,74,500 रुपये नगद बरामद किये हैं. यह राशि बुंडू में एक व्यक्ति को राशन सप्लाई करने के नाम पर ठगी गयी थी. इसके अलावा आरोपी के पास से कृषि निदेशक, जिला योजना पदाधिकारी धनबाद व जिला कोषागार पदाधिकारी धनबाद के नाम की मुहर, 20 जाली आधार कार्ड, चार मोबाइल फोन और 10 चेक बरामद किये गये हैं. बरामद मुहर धनबाद में ही ठगी के लिए बनाये गये थे. आरोपी के खिलाफ कोडरमा, धनबाद और रांची जिले में कुल 16 मामले पहले से दर्ज हैं. बीएचयू से पढ़ा, वन विभाग में नौकरी भी की : दीपक श्रीवास्तव ने पूछताछ में बताया है कि उसके पिता पूर्व में हजारीबाग में रेंजर के पद पर पदस्थापित थे. वह बनारस के प्रिंस कॉलेज और बनारस हिंदू विवि से पढ़ाई कर चुका है. पिता की मौत के बाद उसे वन विभाग में अनुकंपा पर नौकरी मिली थी. लेकिन बाद में एक आरोप में निलंबित कर दिया गया. इसके बाद वह पैसे की लालच में ठगी करने लगा. उसने कांके के एक वकील करीब 12 लाख की ठगी. इस घटना को लेकर वर्ष 2018 में कांके थाना में केस दर्ज हुआ था. इस केस में वह होटवार जेल में पांच साल की सजा काट कर फरवरी 2023 में बाहर आया है. पुलिस के अनुसार, हत्या के केस में सजा काटकर जेल से बाहर निकले बोकारो के शशि गुप्ता के जरिये आरोपी ने ठगी के पैसों का कोलकाता में निवेश कर चुका है. पुलिस ठगी का शिकार हुए अन्य लोगों और आरोपी के सहयोगियों के बारे भी जानकारी इकट्ठा कर रही है. नौकरी के नाम पर 155 लोगों से ठगे तीन करोड़ : एसएसपी ने बताया कि वर्ष 2017 में लालपुर थाना में दीपक श्रीवास्तव के खिलाफ एक केस दर्ज हुआ था. इसमें इस पर 155 लोगों से कल्याण विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 75.65 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया था. केस के अनुसंधान के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी ने इस केस में कुल तीन करोड़ रुपये की ठगी की है. इसके अलावा आरोपी ने अपने दोस्त दयानंद प्रसाद के साथ मिलकर खाद्य सामग्री सप्लाई करने के नाम पर रांची के सुरेंद्र उर्फ रामा से 28 लाख, मेसरा के राजकुमार महतो से 80 हजार और ओरमांझी के अनूप कुशवाहा से 11 लाख की ठगी की. वह तमाड़ निवासी चांदनी और उसकी मां मंजू देवी से नौकरी व गाड़ी दिलाने के नाम पर 40 लाख की ठगी कर चुका है. जब आरोपी को तलाश रही थी पुलिस, तब वह जेल में था : दीपक श्रीवास्तव के खिलाफ 24 अगस्त 2017 को ठगी के आरोप में लालपुर थाना में केस दर्ज किया था. इस केस में वर्षों के अनुसंधान के बाद भी पुलिस आरोपी का सत्यापन नहीं कर सकी थी. इसलिए पुलिस ने आरोपी को केस में असत्यापित दिखाते हुए न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट समर्पित कर अनुसंधान बंद कर दिया था. लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि जब पुलिस उसे तलाश कर रही थी, तब वह होटवार जेल में ही था.

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