गड़बड़ी करेंगे, तो राजस्व पदाधिकारियों पर होगी कार्रवाई : केके सोन
रांची : राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने कहा हैै कि प्रस्तावित लैंड म्यूटेशन बिल-2020 में कहीं यह प्रावधान नहीं है कि गड़बड़ी करनेवाले राजस्व पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि बिल में यह प्रावधान है कि यदि अगर राजस्व पदाधिकारी कर्तव्य के दौरान अनियमितता करेंगे, तो उन पर कभी भी सिविल, क्रिमिनल या विभागीय कार्रवाई की जा सकेगी.
रांची : राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने कहा हैै कि प्रस्तावित लैंड म्यूटेशन बिल-2020 में कहीं यह प्रावधान नहीं है कि गड़बड़ी करनेवाले राजस्व पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि बिल में यह प्रावधान है कि यदि अगर राजस्व पदाधिकारी कर्तव्य के दौरान अनियमितता करेंगे, तो उन पर कभी भी सिविल, क्रिमिनल या विभागीय कार्रवाई की जा सकेगी.
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी गड़बड़ी करनेवाले पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी. प्रोजेक्ट भवन में प्रस्तावित बिल पर सरकार का पक्ष स्पष्ट करते हुए सचिव ने कहा कि कुछ अखबारों और सोशल मीडिया में खबरें आयी हैं कि इस बिल से राजस्व पदाधिकारियों और जमीन संबंधी काम करनेवाले कर्मियों को संरक्षण मिलेगा, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है.
सचिव केके सोन ने कहा कि विधि विभाग और महालेखाकार के परामर्श के बाद यह बिल तैयार किया गया है. इसमें गड़बड़ी करने की मंशा से काम करनेवाले राजस्व पदाधिकारियों के विरुद्ध जांच के बाद हर तरह की प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई होगी. अगर अफसर का तबादला हो जाता है, तो भी उस पर कार्रवाई होनी है.
उन्होंने कहा कि अभी 1973 के कानून के आधार पर दाखिल-खारिज हो रहा है, जबकि दाखिल-खारिज से लेकर जमीन संबंधी हर तरह के कार्य ऑनलाइन हो गये हैं. 1973 के एक्ट में कई प्रावधान बहुत ही संक्षिप्त और अस्पष्ट हैं. प्रस्तावित बिल में इसे विस्तृत कर स्पष्ट किया गया है.
श्री सोन ने कहा कि जमाबंदी गलत होने पर उसे रद्द करने की प्रक्रिया लंबी है. यह प्रक्रिया अंचल अधिकारी से शुरू होकर एसी व कमिश्नर होते हुए सरकार तक आती है, पर अब यह व्यवस्था की जा रही है कि एसी के स्तर पर ही इसका तत्काल निपटारा हो जाये. लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो. अवैध जमाबंदी पाये जाने पर उसे तत्काल रद्द किया जा सके.
Posted By : Guru Swarup Mishra