रांची के मोरहाबादी मैदान में 5 मार्च को आदिवासी बचाओ महारैली, तेज हुआ जनसंपर्क अभियान

आदिवासी संगठनों के नेताओं ने कहा कि आदिवासी बचाओ महारैली की सफलता के लिए जनसंपर्क अभियान, प्रचार-प्रसार को तेज करना होगा. लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि 5 मार्च की महारैली आदिवासियत को बचाने और आदिवासी विरोधी ताकतों के खिलाफ हल्ला बोलने की रैली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2023 4:05 PM

झारखंड की राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में 5 मार्च को आदिवासी बचाओ महारैली (Adivasi Bachao Maharally) का आयोजन किया गया है. महारैली को सफल बनाने के लिए अभी से जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया गया है. इस निमित्त आदिवासी समन्वय समिति (Adivasi Samanvay Samiti) के बैनर तले धुमकुड़िया सभागार, करमटोली में विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई. बैठक में महारैली की तैयारी पर चर्चा हुई.

आदिवासी विरोधी ताकतों के खिलाफ हल्ला बोलने की रैली

आदिवासी संगठनों के नेताओं ने कहा कि आदिवासी बचाओ महारैली की सफलता के लिए जनसंपर्क अभियान, प्रचार-प्रसार को तेज करना होगा. लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि 5 मार्च की महारैली आदिवासियत को बचाने और आदिवासी विरोधी ताकतों के खिलाफ हल्ला बोलने की रैली है.

आदिवासियों पर बढ़े हैं हमले – देवकुमार धान

प्रदेश के पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने कहा कि आदिवासियों के खिलाफ हमला बढ़ा है. आदिवासी अपने हक-अधिकार के लिए लड़ने को मजबूर हैं. वहीं, पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि आदिवासियों के मुद्दों पर पूरे आदिवासी समुदाय को एकजुटता दिखानी होगी. प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि इन परिस्थितियों में जनांदोलन ही रास्ता है.

Also Read: Adivasi Bachao Maharally: आदिवासी बचाओ महारैली 26 फरवरी को रांची में, कुड़मी को एसटी बनाने का होगा विरोध

बैठक में ये लोग थे शामिल

बैठक में अंजय तिर्की, अभय भुटकुंवर, अनिल टुडू, कुंदरुसी मुंडा, रमेश कुमार हेंब्रम, जगदीश पाहन, आनंद मुंडा, दिनेश मुंडा, राजेश लिंडा, विदेशी मुंडा, नीरज कुमार बेसरा, महालाल हांसदा, राम किशोर मुर्मू, सेलिना लकड़ा, बहादुर मुंडा आदि शामिल थे.

Also Read: मरांग बुरु बचाओ अभियान : 11 फरवरी से रेल-रोड चक्का जाम, झारखंड समेत 5 राज्यों के 50 जिलों में कल मशाल जुलूस

Next Article

Exit mobile version