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Adivasi Bachao Maharally: आदिवासी बचाओ महारैली 26 फरवरी को रांची में, कुड़मी को एसटी बनाने का होगा विरोध

झारखंड, ओड़िशा व पश्चिम बंगाल में विभिन्न जगहों पर सांकेतिक विरोध के रूप में पुतला दहन किया जायेगा. वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आदिवासी संगठनों के साझा मंच 'आदिवासी समन्वय समिति' के नाम से एकजुट होकर आंदोलन किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2023 4:45 PM

Adivasi Bachao Maharally: कुड़मी/कुरमी को आदिवासी बनाने (ST Status to Kurmi) की कवायद के खिलाफ राज्य के विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक करमटोली स्थित धुमकुड़िया सभागार में हुई. इसमें निर्णय लिया गया कि इस षड्यंत्र के खिलाफ 26 फरवरी को रांची में ‘आदिवासी बचाओ महारैली’ आयोजित की जायेगी. इस मुद्दे पर पर आदिवासी संगठनों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति व भारत सरकार से मिलेगा.

झारखंड, ओड़िशा व पश्चिम बंगाल में जलाया जायेगा पुतला

बैठक में कहा गया कि झारखंड, ओड़िशा व पश्चिम बंगाल में विभिन्न जगहों पर सांकेतिक विरोध के रूप में पुतला दहन किया जायेगा. इसके तहत केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, झारखंड के मंत्री आलमगीर आलमगीर आलम, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का पुतला दहन होगा. वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आदिवासी संगठनों के साझा मंच ‘आदिवासी समन्वय समिति’ के नाम से एकजुट होकर आंदोलन किया जायेगा.

इन्होंने किया संबोधित

बैठक को पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, पूर्व मंत्री देवकुमार धान, पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकू, आदिवासी अधिकार रक्षा मंच के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा,आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, अजीत उरांव, अनिल कुमार टुडू, यदुनाथ तियू, गब्बर सिंह हेंब्रम, जलेश्वर भगत, सोमा मुंडा, एलएम उरांव, अभय भुटकुंवर, दिनेश मुंडा, एनजी सिंह, पीसी मुर्मू, निरंजना हेरेंज टोप्पो व संदीप उरांव ने संबोधित किया.

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ये संगठन हुए शामिल

बैठक में आदिवासी महासभा, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, केंद्रीय सरना समिति,आदिवासी अधिकार रक्षा मंच, आदिवासी जन परिषद, आदिवासी छात्र संघ, सोनोत संथाल समाज, आदिवासी हो समाज महासभा, कोल्हान एकता मंच, आदिवासी हो समाज युवा महासभा, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी युवा शक्ति, राष्ट्रीय आदिवासी मुंडा परिषद आदि संगठन शामिल हुए.

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