रांची. रांची विवि अंतर्गत अल्पसंख्यक कॉलेजों द्वारा चांसलर पोर्टल से स्नातक रेगुलर कोर्स में नामांकन लेने पर चल रहा विवाद अब उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग सुलझायेगा. इन अल्पसंख्यक कॉलेजों में संत जेवियर्स कॉलेज, निर्मला कॉलेज, गोस्सनर कॉलेज, मौलाना आजाद कॉलेज और योगदा सत्संग कॉलेज शामिल हैं. राजभवन के हस्तक्षेप के बाद उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ सभी अल्पसंख्यक कॉलेजों के प्राचार्यों की 10 जून को विभाग में बैठक बुलायी गयी है. विभाग के अधिकारी प्राचार्यों से विवि के निर्देश के बाद भी चांसलर पोर्टल के माध्यम से नामांकन नहीं लेने का कारण जानना चाहेंगे. इधर छह कॉलेजों में मौलाना आजाद कॉलेज ने चांसलर पोर्टल से नामांकन लेने पर अपनी सहमति जतायी है. इस बाबत विवि द्वारा मांगे गये आवश्यक कागजात भी उपलब्ध करा दिये हैं.
कॉलेजों को अपनी पहचान खत्म होने का सता रहा डर
अन्य अल्पसंख्यक कॉलेजों के प्राचार्यों का कहना है कि चांसलर पोर्टल से नामांकन लेने पर उनके कॉलेजों की आइडेंटिटी (पहचान) समाप्त हो जायेगी. वर्ष 2020 में भी पोर्टल से नामांकन लेने का मामला उठा था, लेकिन उस वक्त उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा कहा गया कि वह लोग पूर्व की तरह ही अपने यहां नामांकन प्रक्रिया जारी रखें. पुन: इस बार पोर्टल से नामांकन लेने पर जोर दिया जा रहा है, जो अनुचित है. फिलहाल 10 जून को फैसला हो जाने की संभावना है कि अल्पसंख्यक कॉलेज चांसलर पोर्टल से नामांकन लेंगे या नहीं.रांची विवि में अब तक पोर्टल से 34551 आवेदन आये
रांची विवि अंतर्गत कॉलेजों में स्नातक में नामांकन के लिए चांसलर पोर्टल से अब तक 34551 आवेदन आ गये हैं. इनमें सबसे अधिक मारवाड़ी कॉलेज में 4350 आवेदन तथा सबसे कम डुमरी कॉलेज में आठ आवेदन आये हैं. आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 जून है. हालांकि सीयूइटी रिजल्ट नहीं निकलने के कारण तिथि में विस्तार संभव है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है