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B.Ed. Course : परीक्षा नहीं, मेरिट से बीएड में दाखिला, कोरोना के कारण इस बार नियम में बदलाव संभव, विचार कर रही सरकार

कोरोना संकट के मद्देनजर सिर्फ इस वर्ष के लिए बीएड कॉलेजों में नामांकन के नियम में बदलाव किया जा सकता है. सरकार प्रवेश परीक्षा की जगह स्नातक और स्नातकोत्तर में प्राप्त अंकों के आधार पर दाखिला लेने का विचार कर रही है

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2020 4:40 AM

रांची : कोरोना संकट के मद्देनजर सिर्फ इस वर्ष के लिए बीएड कॉलेजों में नामांकन के नियम में बदलाव किया जा सकता है. सरकार प्रवेश परीक्षा की जगह स्नातक और स्नातकोत्तर में प्राप्त अंकों के आधार पर दाखिला लेने का विचार कर रही है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विचार कर फैसला लेने की बात कही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के नीतिगत विषयों की समीक्षा के दौरान के यह बात कही. बैठक में विभागों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर तैयार प्रस्ताव रखे गये. मुख्यमंत्री ने इन प्रस्तावों पर विचार करने की बात कही. इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने अन्य मुद्दों के अलावा राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों को मजबूत बनाने, रांची स्थित साइंस सिटी परियोजना और दुमका व देवघर में तारामंडल की समीक्षा की.

विश्वविद्यालयों में 2030 पद रिक्त : विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि रांची विवि, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि, कोल्हान विवि, जमशेदपुर महिला विवि, विनोबा भावे विवि, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि और सिदो-कान्हू विवि में कुल 3732 पद स्वीकृत हैं. इसमें 2030 पद रिक्त हैं, जबकि 4181 अतिरिक्त पद हैं.

उन्होंने बताया कि इससे पहले 2008 में विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर जेपीएससी के माध्यम से बहाली हुई थी. वर्तमान में इन पदों पर नियुक्ति के लिए बेहतर विकल्प पर भी बैठक में चर्चा की गयी. इस बैठक में संविदा पर नियुक्त लगभग 1000 घंटी आधारित शिक्षकों की समस्याओं पर सीएम ने हर माह निश्चित राशि दिये जाने का आश्वासन दिया.

बीआइटी सिंदरी को राष्ट्रीय स्तर का संस्थान बनाने का निर्देश : बीआइटी सिंदरी लगभग 450 एकड़ में फैला हुआ है. इस संस्थान को उच्च कोटि के राष्ट्रस्तरीय तकनीकी संस्थान के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल की जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नवनिर्मित इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को मल्टी डिसीप्लिनरी संस्थान के रूप में विकसित किया जाये.

बैठक में ये थे मौजूद : बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह, निदेशक उच्च शिक्षा जीतेंद्र कुमार सिंह और निदेशक तकनीकी शिक्षा अरुण कुमार मौजूद थे.

मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा के नीतिगत विषयों की समीक्षा की : बीएड कॉलेजों को विश्वविद्यालयों के अधीन करने का प्रस्ताव : राज्य में चार राजकीय बीएड कॉलेज हैं. इनमें दो रांची में और एक-एक हजारीबाग व देवघर में है. वर्तमान में इन महाविद्यालयों का संचालन उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग कर रहा है. विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि इन महाविद्यालयों का संचालन संबंधित विश्वविद्यालयों के अंतर्गत करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.

Post by : Pritish Sahay

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