रांची.
होली पर मिलावटी मिठाइयों की बिक्री रोकने के लिए रेस्टोरेंट और मिठाई दुकानों में छापेमारी की जा रही है. इस दौरान बड़े पैमाने पर नकली-सबस्टैंडर्ड खाद्य पदार्थ जब्त कर उसे नष्ट किया जा रहा है. हालांकि, यह कार्रवाई नाकाफी है. जिला खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने शुक्रवार को कांके रोड में छापेमारी और नमूना संग्रह अभियान चलाया. इस दौरान मिठाइयों में हानिकारक रंग और मिलावटी चीजें पायी गयीं. सात नमूने जांच के लिए लिये गये. खासकर लड्डू में सिंथेटिक हानिकारक रंग पाया गया. वहीं, रिम्स के आसपास बड़े पैमाने पर नकली पनीर पकड़ी गयी. मौके पर ही नौ किलो पनीर को नष्ट किया गया. खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सुबीर रंजन के मुताबिक, इस बार नकली दूध से बनीं मिठाइयों पर सबसे ज्यादा फोकस है.
अधिकतर दुकानों पर बिकती हैं मिलावटी मिठाइयां :
राजधानी में पर्व-त्योहार के मौके पर कई अस्थायी मिठाई की दुकानें लगती हैं, जहां मिलावटी मिठाइयां बिकती हैं. दुकानदार धड़ल्ले से यह कारोबार करते हैं. नियमित जांच नहीं होने के चलते दुकानदारों में कानून का भय नहीं है. यही वजह है कि अधिकतर दुकानों पर मिलावटी मिठाइयां बिकती हैं, जिसके ऊपर एक्सपायरी की तिथि भी अंकित नहीं रहती.
यहां करें शिकायत :
शहर में कहीं भी नकली मिठाई बनायी जा रही है या एक्सपायरी मिठाई बेची जा रही है, तो इसकी शिकायत उपायुक्त कार्यालय और सदर अस्पताल फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट में कर सकते हैं. तत्काल कार्रवाई की जायेगी. शहर में खाने की चीजों की जांच के लिए एक वैन भी चलायी जा रही है. इनमें चावल से लेकर आटा, मैदा, तेल, दूध समेत कई चीजों की जांच की जा रही है.
दिल, लिवर व लंग्स पर पड़ता है असर
:
दक्षिणी छोटानागपुर के उप निदेशक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि त्योहार के मौके पर नकली दूध और नकली चांदी वर्क के नाम पर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. नकली मिठाई के सेवन से खासकर बच्चों के दिल, लिवर और लंग्स पर असर पड़ता है. इसके अलावा खाने वाली चीजों में केमिकल युक्त कलर डालने के चलते देश में कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं.