अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव हत्याकांड मामले में 5 दोषियों को उम्र कैद, 30-30 हजार का जुर्माना भी
विशाल श्रीवास्तव हत्याकांड मामले में अदालत ने 5 दोषियों का उम्र कैद की सजा सुनायी है और 30-30 हजार का जुर्माना लगाया गया है. मामले में दो आरोपी रोहित कुमार तिर्की और शंकर राम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.
रांची: अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने वकील रामप्रवेश सिंह की हत्या के पांच दोषियों राम पाहन, शिवम कुमार, सतीश कुमार पाठक, राजा कुमार साहू, सतीश मुंडा को उम्र कैद की सजा सुनायी है. सभी पर 30-30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने उन्हें 13 जुलाई को दोषी करार दिया था. मामले में दो आरोपी रोहित कुमार तिर्की और शंकर राम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.
सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक वेद प्रकाश और सूचक की और वरीय अधिवक्ता विश्वजीत मुखर्जी ने पैरवी की. नौ दिसंबर 2019 काे कांके रोड स्थित सर्वोदय नगर में वकील रामप्रवेश सिंह की उनके घर के सामने ही गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. घटना के संबंध में उनके पुत्र अभिषेक सिंह ने कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
क्या था मामला :
16 दिसंबर को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया था. पुलिस के मुताबिक, हत्या के पीछे की मुख्य वजह गोंदा थाना क्षेत्र में स्थित दो एकड़ 96 डिसमिल जमीन थी. पुलिस ने हत्याकांड में शामिल सात अपराधियों को गिरफ्तार किया. उनके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, गोली, मोबाइल और मोटरसाइकिल बरामद की गयी थी. वर्ष 2009 में एक जमीन मामले में राम पाहन से विवाद हुआ था.
उसने रामप्रवेश सिंह की हत्या के लिए सतीश मुंडा और शिवम कुमार को सात लाख रुपये में सुपारी दी. इसके बाद सतीश मुंडा और शिवम कुमार ने हजारीबाग के सतीश पाठक और रोहित को अधिवक्ता की हत्या के लिए सुपारी दी थी. मामले की जांच में तत्कालीन आइओ कांके प्रभारी विनय कुमार सिंह (अभी हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी) ने अहम भूमिका निभायी थी.
अधिवक्ताओं ने खुशी :
जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही ने कहा कि दोषियों को सजा मिलने से अधिवक्ताओं में खुशी है. अब आरती देवी व उनके पुत्र रितेश और अधिवक्ता मनोज झा की हत्या मामले में भी न्याय की उम्मीद जगी है. अधिवक्ता समाज को अपने सहयोगियों को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होना चाहिए.