झारखंड में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के बाद स्थिति पर रखी जा रही है नजर, हालात नहीं सुधरे तो उठाना होगा ऐसा कदम
झारखंड में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के बाद स्थिति पर नजर रखी जा रही है. हालात नहीं सुधरे तो सूकरों को मारना पड़ सकता है. ये बातें डॉ महथा ने कही है. अब तक कांके स्थित फार्म में 200 से अधिक सुकरों की मौत हो चुकी है.
रांची : अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के बाद उत्पन्न स्थिति पर नजर रखी जा रही है. स्थिति नहीं सुधरी, तो कांके स्थित सरकारी सूकर फॉर्म के सभी सूकरों को मारना ही विकल्प है. इसके बाद तीन माह तक सूकर नहीं रखा जायेगा. उक्त बातें पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक डॉ महथा ने रविवार को कही. अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से सूकरों की मौत की सूचना के बाद पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा के नेतृत्व में पशुपालन विभाग की उच्चस्तरीय टीम कांके स्थित फॉर्म की स्थिति का जायजा लेने पहुंची थी.
टीम में डॉ महथा समेत क्षेत्रीय निदेशक डॉ विजय कुमार वर्मा, सूकर फॉर्म के विकास पदाधिकारी डॉ अजय कुमार यादव, संयुक्त निदेशक डॉ एनके झा, जिला पशुपालन पदाधिकारी अनिल कुमार, निदेशालय के डॉ सरोज ठाकुर और डॉ बसंत कुमार भी थे. कहा गया कि स्थिति सामान्य होने पर कुछ सूकरों से फिर से फॉर्म की शुरुआत करायी जायेगी. इनका नियमित परीक्षण होगा. राज्य को किया अलर्ट : पशुपालन निदेशक श्री झा ने कहा कि जिन सूकरों की मौत हो रही है, उसका उचित निष्पादन करने का निर्देश दिया गया है. पूरे राज्य को अलर्ट कर दिया गया है.
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1100 से अधिक सूकर थे कांके स्थित फॉर्म में, अब तक हो चुकी है 200 से अधिक की मौत
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निदेशक ने एक किमी परिधि में व्यापक सर्विलेंस का निर्देश दिया, 10 किमी परिधि में हाई अलर्ट
यह है अलर्ट
सूकर को बुखार या मौत होने पर पशु चिकित्सक से संपर्क करें
सूकर फॉर्म की नियमित साफ-सफाई करें, चारा हर दिन बदलें
अन्य प्रजाति के पशु को सूकर फॉर्म में न घुसने दें
बाहरी व्यक्ति या वाहन को फॉर्म में प्रवेश न करने दें
Posted By: Sameer Oraon