झारखंड : 11 साल के बाद रांची के इस्लाम नगर के बेघरों को मिला आशियाना, खुशी से छलके आंसू

रांची के इस्लाम नगर के लोगों को 11 साल बाद खुशी मिली. मंगलवार को 280 बेघर लोगों को घर नसीब हुआ. घर आवंटित होते ही यहां के लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे. मालूम हो कि अतिक्रमण अभियान के दौरान बेघर हुए लोगों को अब घर नसीब हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2023 1:30 AM

Jharkhand News: अतिक्रमण अभियान से बेघर हुए इस्लाम नगर के बेघरों के आवास का सपना 11 साल बाद पूरा हो गया. मंगलवार को इन बेघरों को फ्लैट आवंटन के लिए संगम गार्डेन मोरहाबादी में इ-लॉटरी की गयी. जिसके माध्यम से 280 लोगों को फ्लैट आवंटित किया गया. फ्लैट का आवंटन अपने नाम पर होने से लोग खुशी से फूले नहीं समाये. लोगों ने सरकार व निगम के प्रति आभार जताया. मौके पर राज्यसभा सांसद महुआ मांजी, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, पार्षद नाजिमा रजा, अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन, उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार, सिटी मैनेजर श्रद्धा महतो, निम्मी कुमारी आदि उपस्थित थे.

291 लोगों को आवंटन

मालूम हो कि बेघरों के लिए इस्लाम नगर में ही 291 फ्लैट का निर्माण निगम द्वारा आवंटन किया गया है. लेकिन, मंगलवार की लॉटरी में 11 लाभुक नहीं पहुंचे थे. इन बचे हुए लाभुकों की लॉटरी बाद में की जायेगी.

10 लाभुकों की उपस्थिति में हुई लॉटरी की पूरी प्रक्रिया

लॉटरी की इस प्रक्रिया पर कोई सवाल नहीं उठे, इसके लिए 280 लाभुकों में से दस का चयन किया गया. इन दसों की उपस्थिति में ही पूरी लॉटरी की प्रक्रिया आइटी हेड राज ने संपन्न करायी. मौके पर निगम अधिकारियों ने कहा कि लॉटरी प्रक्रिया पर कोई प्रश्न चिह्न नहीं लगे, इसके लिए ऑनलाइन लॉटरी संपन्न करायी गयी.

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लंबे इंतजार के बाद सपना हुआ पूरा

इस्लाम नगर के रज्जाक खान ने कहा कि फ्लैट मिलना हम सभी के लिए सपना पूरा होने जैसा है. पहले जब भी हम यह सुनते थे कि हमलोगों के लिए फ्लैट बन रहा है तो विश्वास ही नहीं होता था. आज यह सपना हकीकत में बदल गया. वहीं, साजदा खातून ने कहा कि 11 साल के लंबे इंतजार के बाद फ्लैट मिला. इस 11 साल में हम लोगों ने कितनी मुसीबतों का सामना किया है, यह बताना मुश्किल है. लेकिन अब अपना आशियाना होगा. यही हम लोगों के लिए सबसे खुशी की बात है. इसके अलावा जमीला खातून ने कहा कि हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि हमें भी सरकार घर बना कर देगी. लेकिन, आज 11 साल के बाद हमलोगों का सपना पूरा हुआ. अब हमलोग भी झोपड़ी की जिंदगी छोड़कर पक्के मकान में रहेंगे.

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