Ranchi news: शहर की सड़कों को अतिक्रमणमुक्त बनाने के लिए रांची नगर निगम ने कड़ा कदम उठाया है. इसके तहत शहर की सड़कों के किनारे अब स्थायी दुकानें नहीं लगेंगी. ऐसी ही दुकानें लगायी जा सकेंगी, जो चलंत हों. यह ठेला या वैन हो सकती है. यानी जब दुकान लगानी हो, उसे घर से धकेल कर या चला कर सड़क पर ले आयें. जब समय समाप्त हो, तो उसे घर ले जायें. जो दुकानें चलंत नहीं होगी, उन्हें अतिक्रमण मान कर नगर निगम हटाने की कार्रवाई शुरू करेगा. साथ ही ऐसी दुकानें लगानेवालों से जुर्माना भी वसूला जायेगा.
अस्थायी दुकानें लगाने वालों को दी डेडलाइन
इस संबंध में सोमवार को अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन ने आदेश जारी किया है. आदेश के तहत सड़क किनारे अस्थायी दुकानें लगाने वालों को दुर्गा पूजा तक की डेडलाइन दी गयी है. कहा गया है कि जो लोग सड़क किनारे लोहे के स्ट्रक्चर बनवाकर या बांस-बल्ली लगाकर स्थायी दुकान चलाते हैं, वे अगले 40 दिनों तक अपने लिए चलंत दुकानों का इंतजाम कर लें. तय समयावधि के बाद नगर निगम का अभियान रात में ही शुरू होगा. इस दौरान सड़क किनारे जो भी ऐसे परमानेंट स्ट्रक्चर पाये जायेंगे, उन्हें तोड़ कर जब्त कर लिया जायेगा.
इसलिए उठाया गया यह कदम
राजधानी में सड़कों के किनारे दुकान लगाने वाले अधिकतर लोगों ने परमानेंट स्ट्रक्चर बना लिया है. इनमें से कई दुकानें कभी-कभार ही खुलती हैं. कुछ दुकानें शाम में तीन-चार घंटे के लिए लगती हैं. इससे सड़क की चौड़ाई प्रभावित होती है और जाम की समस्या बनी रहती है. नगर निगम के सफाईकर्मियों को परेशानी होती है.
दो दिन का समय खत्म, आज से फिर हटेंगी दुकानें
पंडरा रोड के दुकानदारों को दी गयी दो दिनों की छूट समाप्त हो गयी है. मंगलवार से फिर सड़क किनारे से पक्की संरचना को हटाने का काम शुरू कराया जायेगा. एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए पंडरा रोड पर 27 अगस्त को सड़क किनारे की दुकानों को तोड़ा गया था. प्रशासन ने भू-अर्जन की कार्रवाई के तहत एक दर्जन से ज्यादा दुकानों को तोड़ा था. तब स्थानीय विधायक सीपी सिंह की हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई रोक दी गयी थी.
वहीं, दुकानदारों को सामान हटाने के लिए दो दिनों का समय दिया गया था. इस बीच दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों से सामान हटा लिये हैं. वहीं, कुछ ने संरचना को खुद से तोड़ दिया है. वहीं, इटकी रोड में भी कुछ लोगों द्वारा खुद संरचना हटाने का काम किया जा रहा है. इस सड़क पर भी दुकानदारों को नोटिस दिया गया है, ताकि वे अपनी संरचना हटा लें. नहीं तो बाद में प्रशासन खुद हटाने की कार्रवाई करेगा.