Ranchi News: राजधानी में वर्षों पुराने लंबित केस में अनुसंधान पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश और एडीजी अभियान की समीक्षा के बाद केस में एफएसएल रिपोर्ट हासिल करने के लिए अब रांची पुलिस की नींद खुली है. अनुसंधान के लिए लंबित केस में केंद्रीय विधि- विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से रिपोर्ट हासिल करने के लिए डीएसपी मुख्यालय- प्रथम नीरज को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. जिन्होंने एफएसएल रिपोर्ट की वजह से अनुसंधान के लंबित केस का एक ब्योरा तैयार किया है.
उन्होंने तीन सब इंस्पेक्टर के नेतृत्व में इसके लिए एक टीम का गठन किया है. यह टीम गुजरात के गांधीनगर, कोलकाता और हैदराबाद जाकर सीएफएसएल के अधिकारियों से संपर्क कर केस से संबंधित रिपोर्ट हासिल करेगी. इसके लिए उन्होंने सीनियर पुलिस अधिकारियों से संबंधित सब इंस्पेक्टर को राज्य से बाहर भेजने की अनुमति मांगी है. डीएसपी मुख्यालय- प्रथम द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार सीएफएसएल की रिपोर्ट हासिल करने के लिए राजधानी में वर्षों पुराने पांच केस लंबित हैं.
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कॉपीराइट अधिनियम व धोखाधड़ी केस में तीन अप्रैल 2012 को सुखदेवनगर थाना में केस दर्ज हुआ था़ यह केस गुजरात गांधीनगर सीएफएसएल से फोरेंसिक जांच रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए लंबित है.
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आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में नौ अक्तूबर 2016 को सदर थाना में केस दर्ज किया गया था़ यह केस सीएफएसल कोलकाता से रिपोर्ट हासिल करने के लिए लंबित है.
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आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में सदर थाना में 22 अक्तूबर 2016 को केस दर्ज किया गया था़ इसमें भी कोलकाता सीएफएसएल से रिपोर्ट हासिल करनी है.
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फर्जी जाली पेपर तैयार कर धोखाधड़ी के आरोप में 15 दिसंबर 2015 को बरियातू थाना में केस दर्ज किया गया़ यह केस कोलकाता सीएफएसल से रिपोर्ट हासिल करने के लिए लंबित है.
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फर्जी पेपर तैयार कर जालसाजी के आरोप में 16 अप्रैल 2017 को बरियातू थाना में केस दर्ज हुआ था. यह केस हैदराबाद सीएफएसएल से रिपोर्ट हासिल करने के लिए लंबित है.