Jharkhand news: झारखंड में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के पार्टी से इस्तीफा देने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने भी कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस इस्तीफे के साथ ही राज्य की राजनीतिक हलचल फिर तेज हो गयी है. पूर्व शिक्षा मंत्री ने शनिवार को अपना इस्तीफा अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है.
प्रभात खबर से खास बात करते हुए पूर्व शिक्षा गीताश्री ने कहा कि वह जनता के साथ न्याय नहीं कर पा रही थीं. कांग्रेस मुद्दों से भटक गयी है. जिन सवालों को लेकर राज्य बना और उनके पिता कार्तिक उरांव एवं पूर्वजों ने संघर्ष किया, उससे अब कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है. वह भारी मन से पार्टी छोड़ रही हैं. अभी पार्टी के जो हालात हैं, उसमें मुद्दों पर बात नहीं हो रही है.
गीताश्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कोई झंडा ढोने के लिए नहीं होता है. राज्य में ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन पर पार्टी ने कोई स्टैंड नहीं लिया. भाषा का मुद्दा और यहां के हक व अधिकार के अतिक्रमण के मुद्दे पर पूरी पार्टी चुप है. यह पूछने पर अब वह किस पार्टी से जुड़ेंगी, तो उन्होंने कहा कि वह वैचारिक रूप से भाजपा को सही नहीं मानती हैं. उनके सिद्धांत और नीतियों में भाजपा कहीं नहीं है. वह झारखंड के सवालों पर फिलहाल अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के साथ जुड़ कर काम करेंगी.
मालूम हो कि कार्तिक उरांव की पुत्री गीताश्री उरांव गुमला जिला अंतर्गत सिसई विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी है. गीताश्री उरांव राज्य की शिक्षा मंत्री भी रह चुकी है. गीताश्री ने झारखंड में बाहरी भाषा को तरजीह देने को मूल झारखंडियों का हक-अधिकार छीनने जैसा बताकर विरोध किया. बता दें कि गीताश्री उरांव के पति पूर्व आईपीएस अधिकारी अरुण उरांव भी पहले कांग्रेस में थे. लेकिन, उन्होंने भी कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है.
Posted By: Samir Ranjan.