झारखंड हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद रुका गढ़वा के घंटाघर का निर्माण कार्य, 8 फीट तक हो चुका था काम
Jharkhand News (गढ़वा) : झारखंड हाईकोर्ट में दर्ज PIL के बाद गढ़वा शहर के इंदिरा गांधी पार्क में घंटाघर निर्माण का काम रोक दिया गया है. घंटाघर का निर्माण करीब 8 फीट तक हो चुका है. गुरुवार को हाईकोर्ट में इसके निर्माण को लेकर सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि वह जवाब दे कि काम रोक दिया गया है या नहीं. बताया गया कि हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद काम को रोक दिया गया. शुक्रवार को स्थल पर कोई काम होता नहीं दिखा.
Jharkhand News (पीयूष तिवारी, गढ़वा) : झारखंड हाईकोर्ट में दर्ज PIL के बाद गढ़वा शहर के इंदिरा गांधी पार्क में घंटाघर निर्माण का काम रोक दिया गया है. घंटाघर का निर्माण करीब 8 फीट तक हो चुका है. गुरुवार को हाईकोर्ट में इसके निर्माण को लेकर सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि वह जवाब दे कि काम रोक दिया गया है या नहीं. बताया गया कि हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद काम को रोक दिया गया. शुक्रवार को स्थल पर कोई काम होता नहीं दिखा.
उल्लेखनीय है कि घंटाघर निर्माण को लेकर यहां की सत्ताधारी झामुमो एवं विपक्षी पार्टी भाजपा के बीच तानातनी चल रही है. घंटाघर के निर्माण को लेकर कई संगठनों ने इसके समर्थन तथा कई संगठनों ने इसके विरोध में बयान जारी किया था. इससे लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक चुप्पी खत्म हो गयी थी.
निर्माण के विरोध में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए पूर्व विधायक सह भाजपा नेता सत्येंद्रनाथ तिवारी ने अपने हजारों समर्थकों के साथ निर्माणस्थल पर प्रदर्शन किया था़ इसके बाद उन पर गढ़वा थाना में मामला भी दर्ज किया गया था़ डीसी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय पदाधिकारियों की जांच कमेटी गठित कर दी थी, लेकिन इन राजनीतिक गतिविधियों के बीच सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता अजय उपाध्याय ने रांची उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर दी थी. गुरुवार को इसकी सुनवाई की गयी. एक जुलाई को फिर से इस पर सुनवाई होगी. बताया गया कि इसमें राज्य सरकार अपना पक्ष रखेगी.
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क्यों हो रहा घंटाघर निर्माण का विरोध
गढ़वा शहर का सबसे प्रमुख चौराहा (सतमुहान) रंका मोड़ पर स्थित इंदिरा गांधी पार्क में घंटाघर का निर्माण किया जा रहा है. घंटाघर का निर्माण स्थानीय विधायक सह पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर अपने व्यक्तिगत पैसे से कर रहे हैं. यहां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है. साथ ही इस सरकारी स्थल पर साल 2019 में नगर परिषद की ओर से पार्क का निर्माण कराया गया था. इसमें करीब 30 लाख रुपये खर्च किये गये थे. बीच में फव्वारा का भी निर्माण कराया गया था. इसी पार्क (फूल, पौधे व फव्वारा) को हटाकर वहां घंटाघर का निर्माण कराया जा रहा है.
इसके अलावे विरोध इस बात का भी है कि इस पार्क का निर्माण मंत्री श्री ठाकुर अपने पिता स्वर्गीय कौशल किशोर ठाकुर के नाम पर कराना चाह रहे थे, जिसका भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी विरोध किया था. बाद में इसका नाम बदलकर इंदिरा प्रियदर्शिनी घंटाघर कर दिया गया. भाजपा का आरोप है कि सरकारी जमीन पर व्यक्तिगत राशि लगायी जा रही है. इसकी अनुमति भी प्रशासनिक स्तर से नहीं ली गयी है. वर्ष 2019 में जब लाखों रुपये खर्च इसके सुंदरीकरण पर नगर परिषद ने कर दिया, तो उसे बर्बाद क्यों किया गया.
जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है : डीसी
इस संबंध में डीसी राजेश कुमार पाठक ने बताया कि घंटाघर निर्माण से संबंधित जो जांच कमेटी गठित की गयी थी, उसकी रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है़ सरकार द्वारा मांगे जाने के बाद उसे प्रेषित किया जायेगा़
Posted By : Samir Ranjan.