मनोज सिंह, रांची: झारखंड अलग राज्य गठन के बाद कृषि विभाग का बजट 23 करोड़ रुपये से बढ़कर 3100 करोड़ रुपये (134 फीसदी) हो गया है. साथ ही इस दौरान राज्य में उत्पादन में भी वृद्धि हुई है. इसके बावजूद न तो विभाग के अधिकारियों को प्रमोशन मिला है और न ही एक भी अधिकारी की बहाली हुई है. विभागीय आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कृषि विभाग के अधिकारियों के स्वीकृत पद 353 थे, इसकी तुलना में फिलहाल 53 अधिकारी (14 फीसदी) ही काम कर रहे हैं.
कृषि विभाग में झारखंड में काम करनेवाले अधिकारी अब भी मूल पद पर ही काम कर रहे हैं. नियुक्ति के करीब 33 साल हो गये हैं. झारखंड कैडर चुननेवाले अधिकारियों को प्रमोशन देने पर अब तक विचार भी नहीं हुआ है. वहीं, दूसरे समकक्ष विभागों (सहकारिता और पशुपालन) में प्रमोशन होता रहा है.
खास बातें:-
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झारखंड कैडर चुननेवाले अधिकारियों को प्रमोशन देने पर आज तक नहीं हुआ विचार
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सहकारिता और पशुपालन जैसे समकक्ष विभागों में अधिकारियों का होता रहा प्रमोशन
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आज भी मूल पद पर काम कर रहे अधिकारी, बिहार में अधिकारियों के हुए दो-दो प्रमोशन
प्रमोशन नहीं होने से जूनियर को बैठा देते हैं सीनियर पदों पर : कृषि विभाग में नियमित प्रमोशन नहीं होने से पदस्थापन में वरीयता का ख्याल नहीं रखा जाता है. कई जूनियर अधिकारियों को वरीय पदों पर पदस्थापित कर दिया जाता है. कई बार जूनियर अधिकारियों के अंदर में वरीय अधिकारियों का पदस्थापन कर दिया जाता है. बिहार में इसी रैंक के अधिकारियों को दो-दो बार प्रमोशन हो गया है. इस कारण पदस्थापन के समय जो गड़बड़ी की जाती है, इसकी संभावना कम हो जाती है.
आज तक पद चिह्नित नहीं : कृषि विभाग में आज तक पद चिह्नित नहीं है. बिहार से जो पद मिला था, उसको चिह्नित करने का प्रावधान है. चिह्नित नहीं करने के कारण कई अधिकारियों को ऐसे पदों पद पदस्थापित कर दिया जाता है, जहां से वेतन की निकासी नहीं होती है.
Posted by: Pritish Sahay