झारखंड : केंद्र प्रायोजित में 60 व राज्य योजना में 50 फीसदी राशि खर्च की कृषि विभाग ने
राज्य योजना में सबसे अधिक खर्च सहकारिता विभाग का है. सहकारिता विभाग का कुल बजट 565.60 करोड़ रुपये का है. इसमें 191.08 करोड़ रुपये का आवंटन निकल चुका है.
रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 60 फीसदी राशि खर्च किया है. राज्य योजना में अब तक 50 फीसदी से अधिक राशि खर्च हो गयी है. चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री बनने के बाद कृषि मंत्री बादल ने खर्च बढ़ाने का निर्देश सभी अधिकारियों को दिया है. कहा है कि खर्च नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी. मंत्री ने कहा को जो काम हो गये हैं, उसका जल्द भुगतान किया जाये. जो काम पाइप लाइन में हैं, उसको जल्द पूरा करें. मंत्री ने अधिकारियों से जल्द खर्च की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है. कहा है कि खर्च के साथ-साथ काम का भौतिक सत्यापन भी करें. काम की गुणवत्ता का भी पूरा ख्याल रखें. किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से सहायता दें. राज्य में लगातार दूसरी बार सूखे की स्थिति है. ऐसे में किसानों को सहयोग की जरूरत है. सरकार हरेक किसान के साथ खड़ी है. अगले वित्तीय वर्ष में किसानों के हित के लिए और नयी योजनाएं लायी जायेंगी.
सहकारिता विभाग ने किया है सबसे अधिक खर्च
राज्य योजना में सबसे अधिक खर्च सहकारिता विभाग का है. सहकारिता विभाग का कुल बजट 565.60 करोड़ रुपये का है. इसमें 191.08 करोड़ रुपये का आवंटन निकल चुका है. इसमें 166.24 करोड़ रुपये खर्च हो गये हैं. यह कुल स्वीकृित का करीब 87 फीसदी है. इसी तरह कृषि विभाग ने स्वीकृत राशि की 60 फीसदी, उद्यान ने 65 फीसदी खर्च कर दिया है. पशुपालन विभाग की 30, डेयरी की 40 तथा मत्स्य विभाग की करीब 50 फीसदी राशि खर्च हो गयी है. केंद्रीय योजना में कृषि विभाग को स्वीकृत राशि की करीब 50, उद्यान की 55, भूमि संरक्षण की 85, पशुपालन की 18 तथा मत्स्य की शत-प्रतिशत राशि खर्च हो गयी है.
क्या है खर्च की स्थिति (राज्य योजना)
विभाग-बजट-आवंटन-खर्च कृषि-71229-43677-26206
उद्यान- 16705-14700-9555 भूमि संरक्षण-62500-62500-18750
सहकारिता-56650-19108-16624 पशुपालन – 30403-26218-7866
डेयरी-39560-19134-7654 मत्स्य-10217-8953-4477
(नोट : राशि लाख रुपये में)
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