झारखंड: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने मेधा स्लरी प्रसंस्करण यूनिट का किया उद्घाटन, बोले-किसानों की बढ़ानी है आय
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रेलख ने इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से बेड़ो प्रखंड के बिरसा किसानों से भी बात की, जिनके घरों में बायोप्लांट लगाए गए हैं. उन किसनों ने बताया कि इसके लगने से उनके जीवन स्तर में क्या बदलाव आए हैं. उन्होंने अपना अनुभव भी साझा किया.
रांची: झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रेलख ने कहा है कि हेमंत सोरेन सरकार ग्रामीणों की आय में वृद्धि के उपाय तो कर ही रही है, इसके साथ उनकी बचत को भी बढ़ाने की योजना तैयार कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों के घरों में बायोप्लांट लगाने का काम किया जा रहा है, जिससे वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो सकें. उन्होंने कहा कि सरकार की सोच है कि यहां की 80 प्रतिशत आबादी, जो खेती-बाड़ी पर निर्भर करती है, उनका सर्वांगीण विकास हो. वे गुरुवार को नेपाल हाउस में आयोजित ऑनलाइन माध्यम से मेधा स्लरी प्रसंस्करण इकाई के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
बायोप्लांट लगने से बदलाव का अनुभव किया साझा
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रेलख ने इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से बेड़ो प्रखंड के बिरसा किसानों से भी बात की, जिनके घरों में बायोप्लांट लगाए गए हैं. उन किसनों ने बताया कि इसके लगने से उनके जीवन स्तर में क्या बदलाव आए हैं. उन्होंने अपना अनुभव भी साझा किया.
अब 2 लाख लीटर दूध खरीदा जाता है
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में 80 हजार लीटर दूध प्रतिदिन मेधा डेयरी द्वारा खरीदा जाता था. आज वह बढ़कर 2 लाख लीटर हो गया है. मेधा डेयरी का लक्ष्य है कि किसानों को इससे जोड़कर उनसे 5 लाख लीटर प्रतिदिन तक दूध क्रय किया जाए, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके.
किसानों की आय में वृद्धि की ये है योजना
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि किसानों को पशुधन की योजनाओं से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि की जा सके और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इसके लिए राष्ट्रिय डेयरी विकास बोर्ड और टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर बायोप्लांट लगाने का काम किया जा रहा है. इस बायोप्लांट के सफलतापूर्वक संचालन होने से लोगों को गैस सिलेंडर पर निर्भरता घटेगी साथ ही इससे जो स्लरी निकलेगा उसे जैविक खाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि मेधा स्लरी प्रसंस्करण इकाई द्वारा किसानों से स्लरी भी खरीदे जाएंगे, जिससे किसानों को एक अन्य आय का साधन भी प्राप्त होगा.
झारखंड में 5 हजार गैस का प्लांट लगाने का लक्ष्य
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के चेयरमैन मीनेश शाह ने बताया कि 100 घरों में हमने गोबर गैस का प्लांट लगाया है. दो पशुओं से जो गोबर निकलेगा, उससे किसान 5 से 6 लोगों के परिवार के लिए भोजन पकाने के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे. इसके बहुत सारे फायदे हैं. खर्च कम होगा, गैस का और कैमिकल फर्टिलाईजर से भी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि ऐसे प्लांट देश के विभिन्न राज्यों में टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर लगाने का काम चल रहा है. आने वाले दिनों में झारखंड में 5 हजार गैस के प्लांट लगाए जाने का उनका लक्ष्य है.
कार्यक्रम में ये थे उपस्थित
कार्यक्रम में विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष डॉ मिनेश शाह, कार्यकारी निदेशक एस रघुपति, महाप्रबंधक अनिल हातेकर, महाप्रबंधक अभिजित भट्टाचार्य, उपमहाप्रबंधक चंद्रप्रकाश, प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह, विशेष सचिव (कृषि) प्रदीप कुमार हजारी, उपनिदेशक (गव्य) मनोज तिवारी आदि उपस्थित थे.