13 साल बाद अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले में रांची के मंजर और दानिश बरी, जानें कैसे फंसे थे इस जंजाल में
अहमदाबाद बम ब्लास्ट के आरोपी रांची के मंजर इमाम व दानिश रियाज गुजरात अदालत ने बरी कर दिया है. इसके बाद उनके परिवार वालों में खुशी का महौल है. घटना 2008 की है. आरोपी से संबंध रखने की वजह से उनलोगों को गिरफ्तार किया गया था
रांची : अहमदाबाद बम ब्लास्ट के आरोपी और सिमी से संबंध रखने के आरोपी बरियातू के मंजर इमाम व दानिश रियाज को गुजरात की विशेष अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है़ मंजर इमाम (27) को तीन मार्च 2013 को कांके से गिरफ्तार किया गया था, जबकि दानिश को गुजरात के बड़ोदरा स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था़ बरी होने की जानकारी मिलने के बाद बरियातू मसजिद के समीप रहनेवाले मंजर के घरवालों में खुशी है़.
मंजर के बड़े भाई सफदर इमाम और छोटे भाई नजर इमाम ने कहा कि बदनामी का धब्बा हट गया़, लेकिन पिता अली इमाम खान को खो दिया. जानकारी के अनुसार, मंजर इमाम फिलहाल तिहाड़ जेल में है, जबकि दानिश रियाज अहमदाबाद के साबरमती जेल में है़ दानिश का घर बरियातू के जोड़ा तालाब में है़ उसके घरवाले कुछ भी कहने से बचते रहे़
उर्दू में गोल्ड मेडलिस्ट है मंजर :
मंजर इमाम रांची विवि से उर्दू में गोल्ड मेडलिस्ट है़ वह आठ भाई-बहनों में चौथे नंबर पर है़ उसके परिवार में बड़े भाई हैदर इमाम, सफदर इमाम, बदर इमाम, मंजर इमाम, नजर इमाम व तीन बहन हैं. मंजर के भाइयों ने बताया कि पिता अली इमाम खान की 2015 में सदमे से मौत हो गयी थी़ मां जाहिदा खातून भी पुत्र के गम में बीमार रहने लगी हैं, लेकिन पुत्र के बरी होने की खबर सुन वह काफी खुश है़ं
क्या है मामला :
26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में सिलसिलेवार 21 बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गयी थी. जबकि दो सौ से अधिक लोग घायल हो गये थे. इस मामले में 77 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था. मंगलवार को विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए 49 लोगों को दोषी करार दिया. जबकि 28 लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
Posted By : Sameer Oraon