रांची. एम्स के त्वचा रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ सोमेश गुप्ता ने कहा कि त्वचा की बीमारी में एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की भूमिका अहम हो गयी है. त्वचा रोग की पहचान और उसके कारगर इलाज में इस नयी तकनीक का सहयोग लिया जा सकता है. वह शनिवार को होटल बीएनआर में आयोजित मिड डर्माकॉन सम्मेलन के दूसरे दिन डॉक्टरों को जानकारी दे रहे थे.
सावधानी बरतने की भी जरूरत
उन्होंने कहा कि जांच और इलाज के अलावा दवा के मैनेजमेंट में भी एआइ का सहयोग लिया जा सकता है. हालांकि, एआइ से सहयोग लेते हुए सावधानी भी बरती जरूरी है. एआइ से मिली जानकारी के बाद उसका विश्लेषण भी करना चाहिए. इसके अलावा विटिलिगो (सफेद दाग) पर चंडीगढ़ से आये डॉ डी प्रसाद और कोलकाता से आये डॉ कौशिक ने मेडिसिन से लेकर इलाज की नयी तकनीक की जानकारी दी. दिल्ली से आये डॉ मोनीष पॉल ने कहा कि सफेद दाग को लेकर जितनी भ्रांतियां हैं, उस पर सजग और जागरूक होने की जरूरत है. अब इलाज और सर्जरी की नयी तकनीक आ गयी है, जिससे बीमारी का फैलाव रोका जा सकता है.
आज बोटोक्स और कॉस्मेटिक सर्जरी पर होगी चर्चा
मिड डर्माकॉन सम्मेलन के समापन पर रविवार को बोटोक्स और अन्य कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट से इलाज पर चर्चा होगी. इसमें दिल्ली और मुंबई से आये विशेषज्ञ डॉक्टर व्याख्यान देंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है