ranchi news : विद्यार्थियों के बीच स्किल कोर्स में एआइ पहली पसंद, बीटेक कोर्स में भी डिमांड
ranchi news आनेवाला कल एआइ का होगा. इसलिए पूरी दुनिया में इसे लेकर चर्चा हो रही है. तकनीकी रूप से कैसे युवा दक्ष हों और समय के साथ चलें, इसके लिए नये पाठ्यक्रम को भी लांच किया जा रहा है.

एआइसीटीइ ने 2025 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का वर्ष घोषित कियारांची (अभिषेक रॉय). वर्तमान दौर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का है. इसके जरिये जहां काम आसान होंगे, वहीं, तकनीक का नया स्वरूप में लोगों को देखने को मिलेगा. जानकार मानते हैं कि आनेवाला कल एआइ का होगा. इसलिए पूरी दुनिया में इसे लेकर चर्चा हो रही है. तकनीकी रूप से कैसे युवा दक्ष हों और समय के साथ चलें, इसके लिए नये पाठ्यक्रम को भी लांच किया जा रहा है. समय की जरूरत को देखते हुए झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों ने भी इसकी तैयारी शुरू की है. ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीइ) ने वर्ष 2025 को एआइ वर्ष घोषित किया है. इसके तहत एआइ की पढ़ाई कर युवा अपनी स्किल कैसे बढ़ा सकते हैं, इसके बारे में भी बताया जायेगा. जानकार मान रहे हैं कि तकनीकी शिक्षा में यह बड़ा बदलाव है. लोगों को जानने में जिज्ञासा है. और इसमें दक्षता समय की मांग है. इसलिए युवाओं का फोकस एआइ शिक्षा के प्रति है. इस पाठ्यक्रम को शैक्षणिक संस्थानों में लागू कर दिया गया है. एआइ के पाठ्यक्रम को रुचिकर बनाया गया है. स्कूलों में विद्यार्थियों के बीच स्किल कोर्स जहां पहली पसंद बना है, वहीं इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक कोर्स में एआइ की डिमांड बढ़ गयी है. आनेवाले दिनों में इसकी डिमांड और बढ़ने की संभावना है.
एआइ कर रहा भविष्य के लिए तैयार
स्कूलों में एआइ की कक्षाएं कंप्यूटर क्लास के साथ संचालित हो रही हैं. कई शैक्षणिक संस्थान में एआइ क्लब भी तैयार किये गये हैं, जो, मशीनों को इंसान की सोच के अनुरूप ढालने का काम कर रहे हैं. बच्चों में डाटा और एल्गोरिदम की समझ विकसित की जा रही है. इसमें बच्चे कंप्यूटर की मदद से बड़ी मात्रा में डाटा इकट्ठा कर उसके विश्लेषण का पैटर्न ढूंढ़ते हैं. इसके लिए प्रारंभिक स्तर पर स्कूली बच्चों को प्रोग्रामिंग यानी कंप्यूटर लैंग्वेज जावा, पाइथन, सी प्लस प्लस, एचटीएमएल, स्क्रैच व बेसिक की जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और रोबोटिक्स का प्रारंभिक प्रशिक्षण मिल रहा है.तकनीकी संस्थानों में दिया जा रहा बढ़ावा
यंग माइंड एआइ का इस्तेमाल सीख सकें, इसके लिए राज्य के 81 तकनीकी शिक्षण संस्थानों में एआइ पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है. तकनीकी शिक्षण संस्थानों में इंडस्ट्री की आवश्यकता के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब स्थापित की जा रही हैं. एआइ के इस्तेमाल को लेकर छात्र और शिक्षक दोनों जागरूक हों, इसके लिए लगातार कार्यशाला, एक्सपर्ट शिक्षकों से स्पेशल एआइ लेक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित करियर काउंसेलिंग प्रोग्राम संचालित किये जा रहे हैं.रांची के स्कूलों में छात्रों की पहली पसंद एआइ
सीबीएसइ से संबद्धता प्राप्त स्कूलों में नयी शिक्षा नीति के तहत स्किल कोर्स को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसका उद्देश्य बच्चों में शैक्षणिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के बीच के अंतर को कम करना है. ऐसे में कक्षा छठी से 12वीं तक बच्चों को स्किल कोर्स के प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है. रांची के स्कूलों में पांच से अधिक स्किल कोर्स की पढ़ाई हो रही है. हाल के दिनों में ज्यादातर छात्रों ने स्किल कोर्स के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का चुना है. अधिकतर स्कूलों में कक्षा छठी में शामिल 20-30 फीसदी विद्यार्थी एआइ के प्रशिक्षण से जुड़ रहे हैं. इसके तहत विद्यार्थियों में समस्या-समाधान की क्षमता, लॉजिकल थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और लगातार सीखने की इच्छा को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा आइटी, रोबोटिक्स, कोडिंग, वेब डिजाइन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, ब्यूटी एंड वेलनेस, डिजाइनिंग, थिंकिंग एंड वेलनेस, फाइनेंशियल लिटरेसी, हैंडीक्राफ्ट, मास मीडिया, ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉर्टीकल्चर जैसे स्किल कोर्स चुन रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है