संजीव सिंह, रांची : एआइसीटीइ के द्वारा बीबीए, बीसीए और बीएमएस कोर्स संचालन के लिए मान्यता लेने की अनिवार्यता से केंद्रीय विवि और राज्य के सरकारी व निजी विवि को छूट दी गयी है. एआइसीटीइ के सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार ने स्पष्ट किया है कि केंद्रीय विवि और राज्य (सरकारी व प्राइवेट) विवि को एआइसीटीइ से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक नहीं है. लेकिन यदि वह एआइटीसीइ की योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ लेना चाहते हैं, तो उनके द्वारा अनुमोदन प्राप्त किया जा सकता है. हालांकि राज्य के सरकारी विवि अंतर्गत अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों को मान्यता लेनी होगी.
छूट का लाभ झारखंड में डीएसपीएमयू, जमशेदपुर वीमेंस विवि और झारखंड रक्षा शक्ति विवि को मिल सकेगा. परिषद के द्वारा जारी सूचना के मुताबिक, सत्र 2024-27 के लिए बीबीए, बीसीए व बीएमएस कार्यक्रम संचालित करनेवाले सभी संस्थानों/मानित विवि संस्थानों के द्वारा एआइसीटीइ से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है. बीबीए, बीसीए व बीएमएस कार्यक्रम संचालित करनेवाले संस्थानों के लिए एआइसीटीइ के द्वारा ऑनलाइन आवेदन जमा करने की तिथि 14 फरवरी तक बढ़ा दी गयी है.
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एआइसीटीइ ने संस्थानों/विवि को सफलतापूर्वक आवेदन जमा करने की सुविधा के लिए देशभर में 100 सुविधा केंद्र स्थापित किये हैं. झारखंड में तीन सुविधा केंद्र स्थापित किये गये हैं. इनमें बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआइटी मेसरा), जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट जमशेदपुर तथा गुरु गोविंद सिंह एडुकेशन सोसाइटी टेक्निकल कैंपस चास बोकारो शामिल हैं. बीआइटी मेसरा के लिए को-ऑर्डिनेटर डॉ सुदीप दास, एक्सएलआरआइ के लिए देवाशीष कुमार तथा गुरु गोविंद सिंह एडुकेशन सोसाइटी टेक्निकल कैंपस का को-ऑर्डिनेटर महमूद आलम को बनाया गया है. तीनों संस्थानों के लिए एआइसीटीइ को-ऑर्डिनेटर डॉ निखिल कांत को बनाया गया है. एआइसीटीइ ने संस्थानों को आवेदन के साथ जमा करनेवाले दस्तावेज की सूची भी जारी की है. इसे संबंधित संस्थान एआइसीटीइ की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं.
एआइसीटीइ के सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार ने कहा है कि पता चला है कि कुछ शरारती तत्व एआइसीटीइ के अध्यक्ष के नाम पर कॉलेजों और उनके प्रबंधन को मान्यता/अनुमोदन प्रक्रिया में मदद करने और लाभ की मांग करने के लिए फोन कर रहे हैं. प्रो कुमार ने स्पष्ट किया है कि एआइसीटीइ अध्यक्ष या उनका कार्यालय किसी भी संस्थान को ऐसे काम के लिए नहीं बुलाता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि वह ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट आवश्यक कार्रवाई के लिए एआइसीटीइ और नजदीकी थाना में करें.