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ऑनलाइन कोर्स के लिए एआइसीटीइ से अनुमति लेने की बाध्यता समाप्त

आनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए एआइसीटीइ से अनुमति लेने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है.

रांची (विशेष संवाददाता). अब केंद्रीय, राज्य और निजी विवि को स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी) तथा स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजी डिप्लोमा) सहित अन्य और पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) से अनुमति लेने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह फैसला लिया है. यूजीसी के सचिव प्रो मनीष जोशी ने इस बाबत सभी केंद्रीय, राज्य तथा निजि विवि के कुलपति को पत्र जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि इन विवि को अब प्रबंधन, कंप्यूटर एप्लिकेशन, टूरिज्म तथा पर्यटन आदि पाठ्यक्रम डिस्टेंस लर्निंग या ऑनलाइन मोड में चलाने के लिए यूजीसी को भेजे जानेवाले प्रस्ताव पर पहले एआइसीटीइ से अनुमति लेने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. लेकिन डीम्ड विवि को ओडीएल या ऑनलाइन मोड में ऐसे कार्यक्रम शुरू करने के लिए एआइसीटीइ की मंजूरी या अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होगी. सचिव प्रो जोशी ने कहा है कि यूजीसी ने यह फैसला अपनी 578वीं बैठक में लिया है. इसमें आयोग ने ओडीएल/ऑनलाइन मोड में तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा में व्यावसायिक कार्यक्रम पेश करने वाले राज्य और निजी विवि को मंजूरी या सिफारिश देने के संबंध में एआइसीटीइ से प्राप्त पत्र पर चर्चा की गयी. यूजीसी ने कहा कि आयोग ने एआइसीटीइ से प्राप्त पत्र पर विचार किया. इसमें कहा गया था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार राज्य और निजी विवि के लिए तकनीकी कार्यक्रम चलाने के लिए एआइसीटीइ की मंजूरी लेना अनिवार्य नहीं है. प्रो जोशी ने कहा कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही आयोग ने फैसला किया कि विवि कोर्स शुरू करने करने के लिए यूजीसी (ओडीएल कार्यक्रम और ऑनलाइन कार्यक्रम) विनियम-2020 के अनुसार एआइसीटीइ से पूर्व अनुमोदन, सिफारिश या एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी.

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