रांची. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) रांची ने नीट और इसके परिणामों में धांधली के खिलाफ राजधानी के अलबर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया. आइसा कार्यकर्ताओं ने एनटीए द्वारा नीट में बड़े पैमाने पर धांधली करने और परिणाम के अंकों व रैंकिंग में हेरफेर करने का आरोप लगाया. बताते चलें कि नीट परीक्षा पांच मई को हुई थी, जिसमें 23 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए थे. झारखंड प्रदेश आइसा के पूर्व अध्यक्ष मो सोहेल ने कहा कि पहले परीक्षा का परिणाम 14 जून को आना था, लेकिन यह परिणाम जल्दबाजी में चार जून को ही घोषित कर दिया गया. विरोध में राज्य सदस्य मो समी, सोनाली केवट, विजय कुमार, सत्य प्रकाश, अभय के साथ ही अन्य आइसा कार्यकर्ता मौजूद रहे.
पेपर लीक से बर्बाद हो रहा युवाओं का भविष्य
आइसा ने कहा कि परीक्षा के पेपर लीक की खबर और अब रिजल्ट में गड़बड़ी से देश के लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है. देश के युवाओं को सरकार से इसका जवाब चाहिए. एक तरफ एनटीए पेपर लीक से साफ मना करता दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर बिहार में 13 लोगों को नीट पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार किया गया है. यह कैसे संभव है? आइसा ने कहा कि एक ही इंस्टीट्यूट के कई छात्र टॉपर बन गये हैं. इस बार कटऑफ मार्क्स के सर्वाधिक होने को भी गड़बड़ी से जोड़ा जा रहा है.
टॉपर्स की बड़ी संख्या पर उठाया सवाल
आइसा ने कहा कि हर साल टॉप स्टूडेंट्स में केवल 2, 3 या कभी 4 ही टॉप स्टूडेंट्स आते थे, लेकिन इस बार 67 छात्र 720 नंबर में से पूरे 720 नंबर लाकर टॉप लिस्ट में शामिल हैं. इन सभी को दिल्ली एम्स में दाखिला नहीं मिल सकता. दूसरे मामले में कहा गया कि परीक्षा में प्रश्न और अंक पैटर्न के हिसाब से 717, 718 या 719 अंक संभव नहीं है, जो परीक्षा परिणाम सामने आने के बाद देखने को मिला.
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