कुड़मियों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मिलना ही चाहिए. यह उनका हक है. आजादी के बाद आदिम जनजाति की सूची में कुड़मी भी हुआ करते थे. 1951 की जनगणना में कुड़मियों को इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया. उन्हें क्यों बाहर किया गया, इसकी कभी जानकारी नहीं दी गयी. अब अगर वे फिर से अपना हक मांग रहे हैं, तो उन्हें उनका अधिकार मिलना ही चाहिए. ये बातें ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) सुप्रीमो सुदेश महतो ने प्रभात खबर संवाद में कहीं. सुदेश महतो झारखंड के गृह एवं खेल मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा भी उन्होंने झारखंड की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं. प्रभात खबर के साथ सुदेश महतो का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू यहां देखें. इस इंटरव्यू में उन्होंने आजसू संगठन के बारे में भी खुलकर अपने विचार रखे हैं.
Kurmis must get Scheduled Tribe (ST) status. This is their right. After independence, there used to be Kurmi in the list of primitive tribes. In 1951 census, Kurmis were excluded from this list. Why they were thrown out was never explained. Now, if they (Kurmi) are demanding their rights again, then they must get their rights. All Jharkhand Students Union (AJSU) supremo Sudesh Mahto said these things in Prabhat Khabar Samvad. Sudesh Mahto has also been the Home and Sports Minister of Jharkhand. Apart from this, he has also been minister of several departments in National Democratic Alliance (NDA) governments of Jharkhand. Watch Sudesh Mahto’s exclusive interview with Prabhat Khabar here. In this interview, he has openly expressed his views about the AJSU organization.