रांची : राज्य के एसटी, एससी, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए सरकार मुफ्त आवासीय कोचिंग की सुविधा देगी. चयनित विद्यार्थियों का नामांकन कक्षा 11 में रांची के विद्यालयों में कराया जायेगा. उनको 11वीं व 12वीं के सिलेबस के अलावा जेइइ या एनइइटी की कोचिंग करायी जायेगी.
शिक्षा विभाग के आकांक्षा कार्यक्रम की तर्ज पर कल्याण विभाग द्वारा शुरू किये जा रहे कार्यक्रम का नाम प्रेरणा रखा गया है. 29 नवंबर को इसे लेकर आदेश जारी किया गया. आकांक्षा कार्यक्रम के तहत कोचिंग पानेवाले 20 से 25 विद्यार्थियों का चयन हर वर्ष इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में हो रहा है. प्रेरणा कार्यक्रम में ऐसे एसटी, एससी, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को शामिल किया जायेगा, जो जैक द्वारा आकांक्षा के लिए ली जानेवाली परीक्षा की मेधा सूची में नीचे होने से चयनित नहीं हो सके हों.
आकांक्षा के चयन के बाद बची सूची से मेधाक्रम में एसटी, एससी, अल्पसंख्यक व पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को प्रेरणा कार्यक्रम में शामिल कर मुफ्त आवासीय कोचिंग दी जायेगी. कार्यक्रम प्रेरणा के संचालन के लिए आदिवासी कल्याण आयुक्त की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय समिति गठित होगी. जिसमें आइटीडीए के परियोजना निदेशक, रांची के जिला कल्याण पदाधिकारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा नामित पदाधिकारी, केंद्रीय या नवोदय विद्यालय के प्राचार्य व आदिवासी कल्याण आयुक्त द्वारा मनोनीत एसटी-एससी समुदाय के पदाधिकारी सदस्य होंगे.
प्रेरणा कार्यक्रम के पहले वर्ष में कुल 75 विद्यार्थियों को आवासीय कोचिंग दी जायेगी. जेइइ के लिए 50 और एनइइटी के लिए 25 विद्यार्थियों का चयन कोचिंग के लिए होगा. जेइइ के लिए एसटी समुदाय से 10 छात्र और 10 छात्राएं, एससी से छह-छह, पिछड़ा वर्ग से पांच-पांच और अल्पसंख्यक समुदाय से चार-चार छात्रा-छात्राओं का चयन किया जायेगा.
वहीं, एनइइटी के लिए एसटी से पांच बालक व पांच बालिकाएं, एससी से तीन-तीन, पिछड़ा वर्ग से दो और तीन व अल्पसंख्यक वर्ग से दो-दो छात्र व छात्राओं का चयन किया जायेगा. किसी कोटि की सीट रिक्त रहने पर मेधा सूची को ध्यान में रखते हुए राज्यस्तरीय समिति अन्य कोटि से सीटें भर सकती है. कोचिंग की अवधि दो वर्ष होगी.
Posted By : Sameer Oraon