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Exclusive: आलमगीर आलम बोले- कांग्रेस आज भी जिंदा है, कल भी जिंदा रहेगी, 2024 में और अधिक सीट जीतेंगे

आलमगीर आलम ने संगठन में चल रहे विवाद पर बखूबी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिंदा पार्टी है. भाजपा का कांग्रेस मुक्त देश का सपना कभी पूरा नहीं होगा.

राज्य के ग्रामीण विकास और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम प्रभात खबर संवाद में पहुंचे़ कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री आलम विवादों से दूर रहनेवाले नेता हैं. इनकी पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं में अच्छी साख है़ प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित संवाद कार्यक्रम में मंत्री श्री आलम ने राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनायीं और सरकार के एजेंडे के बारे में बताया.

संगठन में चल रहे विवाद पर बखूबी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिंदा पार्टी है़ भाजपा का कांग्रेस मुक्त देश का सपना कभी पूरा नहीं होगा. कांग्रेस पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी चलेगी़ प्रस्तुत है प्रभात संवाद में मंत्री श्री आलमगीर से पूछे गये सवाल और उनके जवाब़

राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. बतौर मंत्री आप सरकार के काम से कितना संतुष्ट हैं ?

29 दिसंबर को सरकार के गठन का तीन साल पूरा हो जायेगा. विभाग बंटने के बाद कई योजनाएं शुरू की गयीं. कोशिश की जा रही थी कि राज्य की 75 फीसदी आबादी तक सुविधाएं पहुंचायी जायें. इसी बीच कोरोना जैसी महामारी आ गयी. डेढ़-पौने दो साल तो इसी को मनैज करने में चले गये. इस दौरान भी सरकार और विभाग ने कई महत्वपूर्ण काम किये. इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरी मदद की.

बाहर से आये लोगों का डोर-टू-डोर सर्वे कराया गया. बाहर से आये लोगों के जॉब कार्ड बनाये गये. उनको रोजगार दिया गया. इसका असर भी दिखा. सरकार भी नीलांबर-पितांबर, दीदी बाड़ी और बिरसा हरित ग्राम जैसी कई योजनाओं को लेकर आयी. सरकारी और गैर-सरकारी जमीन पर पौधरोपण कराया गया. इसका उद्देश्य आनेवाली पीढ़ी को भी आर्थिक रूप से समृद्ध करना था. फलदार पौधा लगाने का विचार मुझे मालदा की एक यात्रा के दौरान आया था.

वहां घर-घर में आम के उत्पाद का प्रोसेसिंग प्लांट है. इसका परिणाम भी अच्छा हुआ. इसी तरह ग्रामीण सड़कों की मरस्मत करायी गयी. पहले बनने के बाद इसकी मरम्मति नहीं होती थी. इसके बाद भी अभी भी बहुत कुछ करना है. विभाग का खर्च अभी कम दिख रहा है. उम्मीद है हम शत-प्रतिशत खर्च कर देंगे.

एक कांग्रेसी के रूप में इस सरकार से कितना संतुष्ट हैं?

चुनाव पूर्व कांग्रेस ने जनता से कुछ वादा किया था, उसे पूरा किया जा रहा है. कृषि ऋण माफी, पुरानी पेंशन स्कीम, आंगनबाड़ी और पारा शिक्षकों की मांग, ओबीसी आरक्षण, सरना कोड, खतियान आदि मागें हम लोगों ने पूरी कर दी हैं. पहले वृद्धा और विधवा पेंशन में उम्र की सीमा थी. यह खत्म कर दी गयी. सरकार का मानना है कि विधवा होने की उम्र नहीं होती है. इस कारण इस पेंशन में उम्र की सीमा हटा दी गयी है.

अब समय नहीं बचा, कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में जनता से किये वायदे में कितना खरा उतर सकी है?

कांग्रेस ने जनता से वादा किया था. उसे पूरा करने में लगी है. कई वादे पूरे हो गये हैं. कुछ आगे होंगे. कुछ पर सरकार एक्सरसाइज कर रही है. नियोजन भी एक वादा है. दुर्भाग्य है कि यह मामला बार-बार फंस जा रहा है. इसको भी हम दूर कर लेंगे.

सरकार रोजगार की बात करती है, आपकी सरकार की नियुक्ति नियमावली कोर्ट में फंस जाती है. इससे राज्य के युवा फंस रहे हैं. इसका क्या हल निकालेंगे

यह झारखंड के लिए महत्वपूर्ण विषय है. सरकार ने अभी कुछ नियम बनाये थे. इससे झारखंड में लोगों को रोजगार मिल रहा था. 10-12वीं यहां से करनेवालों के लिए यह व्यवस्था की गयी थी. हम न्यायालय का सम्मान करते हैं. उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बाधा खड़ी हुई है. न्यायालय के आदेश का अध्ययन होगा. उसके बाद रास्ता निकालने का प्रयास होगा. हिमाचल में भी इसी तरह का नियम है. इसके बावजूद जो भी कमी है, उसे दूर किया जायेगा. लोगों को रोजगार देने का सरकार का कमीटमेंट है. उसे जरूर पूरा करेंगे. 2024 के बाद तो चुनावी मूड हो जायेगा. देखते हैं कि बचे हुए समय में क्या कर सकते हैं.

पंचायतों को पूरी तरह अधिकार देने की बात अब भी होती है. ग्रास रूट में आप पंचायतों को कितना मजबूत कर पाये?

हम पंचायतों को अधिकार दे रहे हैं. इसके बिना देश का विकास नहीं हो सकता है. राज्य में पहले केवल पंचायत के मुखिया को फंड मिला था. हमने जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य को भी पैसा देना शुरू किया. उनको पर्याप्त शक्ति दी गयी है. जरूरत इसके उपयोग की है. इसके लिए जागरूकता की जरूरत है. विभाग भी जागरूकता कार्यक्रम चलाता है. लोगों में भी कुछ कमी है. इसे भी दूर करने की जरूरत है. जन प्रतिनिधि चुने जाने के बाद किसी एक के लिए नहीं रहते हैं. सामूहिक रूप से काम करना पड़ता है.

राज्य में पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के हो रहे हैं. भाजपा-आजसू लगातार आपके सरकार को घेर रही है. इस पर आपकी क्या राय है ?

सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार से इस मामले में अलग-अलग निर्देश आया था. दिसंबर 2021 में हमने चुनाव कराया. कहा गया था कि ट्रिपल टेस्ट से चुनाव करायें. इसे लेकर अदालत में कुछ लोग गये. दूसरे राज्य भी अदालत में गये थे. आदेश में कहा गया कि अगर जरूरी हो, तो बिना ओबीसी आरक्षण के भी चुनाव कराया जा सकता है. इस कारण हम लोगों ने चुनाव कराया.

सरकार को अस्थिर करने का ठिकरा कांग्रेस पर ही फूटता है. ऐसा क्यों?

कांग्रेस बड़ी पार्टी है. इस कारण इस पर यह ठिकरा फूटता है. ऐसा होगा. कांग्रेस इन बातों को गंभीरता से नहीं लेती है. बड़ा पेड़ है तो ज्यादा छांव देगा ही.

कैश कांड में आपके तीन विधायक पैसे के साथ कोलकाता में पकड़े गये. इसे आप किस रूप में लेते हैं ?

घटना हुई है. लेकिन सच्चाई क्या है, यह विधायक ही बता सकते हैं. यह मामला अभी न्यायालय में है. इस कारण इस मुद्दे पर बहुत कहना ठीक नहीं होगा.

कांग्रेस ने इन विधायकों के खिलाफ दल-बदल की शिकायत भी की है. क्या सही में पार्टी कार्रवाई चाहती है?

जैसे ही कांग्रेस में यह बात आयी. हमने तुरंत एक अपील विधानसभा अध्यक्ष के सामने दी. अब इसमें आगे क्या होगा, यह स्पीकर ही तय करेंगे.

राज्य में आपके संगठन में भी विवाद है. कांग्रेस को जितना विरोधियों से खतरा नहीं है. उससे ज्यादा परेशानी संगठन के अंदर है?

कांग्रेस पार्टी बड़ी पार्टी है. कांग्रेस में पद पाने के लिए आज भी एक-दूसरे से लड़ते हैं. इसलिए कांग्रेस पार्टी आज भी जिंदा है और कल भी जिंदा रहेगी. कांग्रेस पुरानी पार्टी है. एक आदमी को पद मिलेगा, तो दूसरा को दुख होगा ही. यह सब अंदरूनी बात है. अभी जिला में जो हुआ, उसके बारे में आप लोगों ने सुना होगा, जिसे हल कर लिया गया. कांग्रेस में जिलाध्यक्ष से लेकर प्रखंड अध्यक्ष बनने के लिए आज भी लड़ाई चलती है, जो दर्शाती है कि कांग्रेस आज भी जिंदा है. कभी भी स्विप कर सकती है, जो उसने 1970 के बाद किया था.

प्रदेश अध्यक्ष संगठन चलाने में कितने सक्षम हैं? 24 घंटे दो-दो बार जिलाध्यक्षों को सूची बदलनी पड़ती है. ऐसा क्यों?

चूक इंसान से ही होती है. फिर अध्यक्ष हों या कोई भी, उनसे चूक हो सकती है. इस बार हम लोगों ने बहुत बारीकी से काम किया है और उसमें कहीं चूक हुई है. कांग्रेस पार्टी का विचार और आइडियोलॉजी सारे हिंदुस्तानी को साथ में लेकर चलने का है. लिस्ट में कुछ लोगों के नाम छूट गये थे. पॉलिटिकल लीडर होने के नाते हम इसको गलत नहीं मानते हैं. घर में भी हल्का-फुल्का झगड़ा होता है. भाई और पत्नी भी दो-चार दिन बातचीत नहीं करते हैं. धीरे-धीरे सब ठीक हो जायेगा.

2024 के चुनाव में क्या कांग्रेस मौजूदा टीम के सहारे भाजपा की चुनौतियों का सामना कर पायेगी?

कल रांची में आप लोगों ने भारत जोड़ो यात्रा देखी होगी. सात दिन पहले और उसके बाद की कमेटी में आपने देखा होगा. जो भीड़ रांची में आप देख रहे हैं, वैसी ही पूरे झारखंड में आपको दिखाई देगी. मुझे लगता है कि यह बेहतर टीम है. आनेवाले समय में अच्छा फल मिलेगा. 2024 के चुनाव में हम लोग चुनाव लड़ेंगे और ज्यादा सीट लायेंगे. अभी हमारी सरकार गठबंधन के साथ है और आगे भी रहेगी.

टेंडर मैनेज करने के मामले में इडी ने आपके खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसे आप किस रूप में लेते हैं?

आज तक मुझसे किसी ने कुछ नहीं पूछा है. जैसा आप सुनाते हैं, वैसा हम सुनते हैं. इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा, लेकिन अखबारों में देखते हैं, तो दुख होता है. किसी आदमी की पृष्ठभूमि लेकर सही जानकारी लेनी चाहिए, तो पता चलेगा कि सही बात क्या है. पूरे तथ्य को जाने बगैर लिखने से दुख होता है. हम एक जनप्रतिनिधि हैं. कोई फरियाद लेकर आता है,

तो मैंने केवल फोन किया. मेरी मंशा या ख्वाहिश होती, तो मैं दिन के 10 बजे से लेकर चार बजे तक कई बार फोन करके काम के लिए बोलता, पर मंशा दूसरे की खराब थी. हम पब्लिक के लिए काम करते हैं. शायद इसलिए लगता है कि मैं बचा हुआ हूं. लेकिन आगे क्या होगा, यह मैं नहीं जानता हूं. न्यायपालिका पर विश्वास है बस.

आरोप है कि मंत्री होने का आपको लाभ मिला है, इसलिए मामले में साहिबगंज पुलिस ने आपको 24 घंटे में ही क्लीन चिट दी. इस पर आपको क्या कहना है?

हमको किसी अफसर से बात ही नहीं हुई है. 20 साल का रिकॉर्ड है कि लोग बड़े ओहदे पर चले गये. पूछ लीजिए हम किसी को फोन भी नहीं करते. मेरे विभाग का इंजीनियर जो जिला में है, उसको तक हम नहीं पहचानते हैं. ना तो उसका नंबर तक मेरे पास है. अगर कोई एक भी सबूत हमको दे देगा, तो हम उसी दिन राजनीति छोड़ देंगे. इतना विश्वास के साथ कहते हैं. मैंने कभी भी किसी को प्रभावित करने का काम नहीं किया.

ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि ग्रामीण सड़कों और आवासों की स्वीकृति में भारत सरकार का उतना सहयोग नहीं मिल रहा है. इस पर आपकी क्या राय है?

मेरी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से बात हुई है. सकारात्मक बात हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि हम जल्द ही यहां आवास दे देंगे. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भी सड़कों को स्वीकृति दे दी गयी है. अब यह झारखंड को मिल जायेगा, जबकि दूसरे राज्यों के लिए यह बंद कर दिया गया है. बिहार को भी नहीं मिलेगा, पर झारखंड को मिल रहा है.

1932 के खतियान का मामला झामुमो का कोर एजेंडा है. इससे कांग्रेस को कितना फायदा होगा ?

झारखंड पांचवीं अनुसूची वाले राज्य में है. इसे विशेष अधिकार मिला है. सरकार इसे लेकर गंभीर है. समय-समय पर इस पर ध्यान देती है. यह जनजातीय की मूल भावना है.

ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण व कोर विभाग है. इसमें आपकी क्या उपलब्धि रही है?

कोरोना महामारी के बावजूद ग्रामीण विकास विभाग ने कई महत्वपूर्ण काम किये हैं. आवास देने में हम दूसरे स्थान पर थे. रोजगार सृजन में एक नंबर पर रहे. महामारी के दौरान भी हम लोगों ने 12 हजार करोड़ मैन डेज का सृजन किया. लोग पलायन की बात करते हैं. असल में यह पलायन नहीं है. ज्यादा कमाने के चक्कर में लोग दूसरे राज्यों में जाते हैं. हमारे लोगों में टैलेंट की कमी नहीं है. हम कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को झारखंड में रोजगार दे पायें. इसके लिए कई स्कीम भी चल रही है.

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