झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम 6 दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर, अदालत ने सुनाया फैसला
कमीशनखोरी मामले में गिरफ्तार झारखंड के मंत्री आलमगीरक आलम दिनों तक ईडी की रिमांड पर रहेंगे. पीएमएलए कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी है. उन्हें बुधवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया था.
रांची : झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को गुरुवार दोपहर पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. जहां ईडी ने अदालत से 10 दिनों के लिए रिमांड की मांग की. लेकिन प्रभात कुमार शर्मा की विशेष अदालत ने 6 दिनों के लिए रिमांड पर लेने की अनुमति दी. वे 22 मई तक ईडी की रिमांड पर रहेंगे. इस मामले में ईडी की तरफ से बहस करने आये एडिशनल सॉलिसेटर जनरल अनिल कुमार ने बताया कि हमारी तरफ से जब्त कैश के और मनी लॉन्ड्रिंग के आधार पर रिमांड मांगा गया था. हमने अदालत से 10 दिन की रिमांड मांग की थी. लेकिन 6 दिन की रिमांड मिली है. वहीं, दूसरे पक्ष की तरफ से आलमगीर आलम के मेडिकल के रिपोर्ट के आधार पर बात रखी गई.
इससे पहले आलमगीर आलम को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया. जहां समर्थकों ने जमकर नारे लगाये. प्रर्वतन निदेशालय ने बुधवार देर शाम 15 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उनका मेडिकल चेकअप कराया गया. जहां चिकित्सकों की टीम ने उनका शुगर लेवल बढ़ा हुआ बताया. इसके बाद उन्हें दवाई दी गयी.
इससे पहले बुधवार शाम जैसे ही मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किये जाने की सूचना मिली. ईडी कार्यालय के बाहर गहमा गहमी तेज हो गयी. कांग्रेस कार्यकर्ता और मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लग गया. ईडी कार्यालय के बाहर झारखंड पुलिस और सीआईएसएफ के अतिरिक्त जवानों को तैनात कर दिया गया. कुछ देर बाद मंत्री की पत्नी, मां और उनकी बेटी भी ईडी कार्यालय पहुंचे और बिना कुछ बोले कार्यालय के अंदर चले गये.
आप्त सचिव के कारनामों की जानकारी होने से इनकार करते रहे थे मंत्री
बता दें कि ईडी कार्यालय में पूछताछ के पहले दौर में मंत्री आलमगीर आलम अपने आप्त सचिव के कारनामों की जानकारी होने से इनकार करते रहे थे. जहांगीर के पास मिले करोड़ों रुपये के बारे में भी अनभिज्ञता जतायी थी. उन्होंने कहा कि उन्हें जहांगीर के पास रुपये होने की जानकारी नहीं थी. उन्हें तो छापेमारी के बाद मीडिया में प्रकाशित खबरों से उसके पास करोड़ों रुपये होने की जानकारी मिली. बुधवार को भी वह यही दलील देते रहे.
पर ईडी को मिले सबूतों के सामने उनकी कोई दलील काम नहीं आयी. ईडी ने 14 मई को पूछताछ बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दी थी. 15 मई को दोपहर 12:00 बजे पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचने का निर्देश दिया गया था. इसके आलोक में 15 मई को आलमगीर आलम दिन के करीब 12 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे. पूछताछ के दौरान उन्हें हर मामले में खुद को निर्दोष बताने की कोशिश की. हालांकि, उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद ईडी ने उन्हें विभाग में जारी कमीशनखोरी और हिस्सेदारी के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
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