16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सदन में बोले आलमगीर आलम- केंद्र ने रोका पीएम आवास, तो शुरू किया गया अबुआ आवास

आलमगीर आलम ने सदन कहा कि जब भारत सरकार ने राशि देना बंद किया, तो हम लोगों ने अबुआ आवास योजना शुरू किया. करीब 20 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है.

रांची : झारखंड सरकार के वित्त वर्ष 2024-25 के बजट पर विभागवार चर्चा दो दिनों तक चली. अंतिम दिन मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के बाद 73 करोड़ 87 लाख चार हजार का बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. विपक्षी दलों के बहिष्कार के बाद बचे हुए सभी विभागों का बजट एक साथ पारित करा दिया गया. विनियोग विधेयक भी ध्वनिमत से पारित हो गया. अनुदान मांग पर चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने राज्य को 2021 के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना देना बंद कर दिया था. इसके लिए तत्कालीन मंत्री हेमंत सोरेन ने भारत सरकार को पत्र लिखा था. इसके बावजूद केंद्र सरकार से कोई पहल नहीं की गयी.

ऐसे में हम झारखंड के लोगों को बिना आवास के नहीं छोड़ सकते थे. भारत सरकार 2011 की जनगणना के आधार पर झारखंड के आठ लाख लोगों को आवास दे रही थी. जब भारत सरकार ने राशि देना बंद किया, तो हम लोगों ने अबुआ आवास योजना शुरू किया. सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में आवेदन जमा कराया. करीब 20 लोगों ने आवास के लिए आवेदन दिया है. हमलोगों ने तय किया है कि सभी लोगों को सरकार आवास देगी. चालू वित्तीय वर्ष में दो लाख लोगों को आवास दिया जा रहा है. अगले वित्तीय वर्ष में 4.50 लाख लाभुकों को आवास दिया जायेगा. इसे 2028 तक जारी रखेंगे.
श्री आलम ने कहा कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने में लगी है.

ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त किया गया गया है. सर्वजन पेंशन योजना, मुख्यमंत्री ऋण माफी, पारदेशी छात्र योजना, छात्र सुरक्षा योजना, सीएम मेघा छात्रवृत्ति योजना तथा सीएम गंभीर बीमारी योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है. हमारी सरकार ने विधानसभा से कई बिल पास किये. इस पर पहल नहीं होने के कारण लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है. हम लोगों ने 1932 खतियान, सरना धर्म कोड, ओबीसी आरक्षण, मॉब लिंचिंग बिल पारित किया है. केंद्र सरकार गरीबों के लिए खाद्यान्न भी नहीं दे रही है. इस कारण ग्रीन कार्ड के माध्यम से अनाज लेनेवालों को राज्य सरकार खुद खरीद कर दे रही है.

हेमंत बाबू की गिरफ्तारी से उल्टा पड़ गया खेल

कटौती प्रस्ताव का विरोध करते हुए जिगा सुसाशन होरो ने कहा कि विपक्ष के लोगों ने चुनाव से ठीक पहले रामलला के नाम से माहौल बनाया था. लग रहा था कि चुनाव में आगे बढ़ गये हैं. लेकिन, इन लोगों ने हेमंत बाबू को गिरफ्तार कर गलती कर दी है. राजनीति शतरंज का खेल है. हेमंत बाबू को गिरफ्तार करना उलटा पड़ गया है. अब गांव-गांव में लोग पूछ रहे हैं हम लोगों को पेंशन और आवास देने वाले हेमंत बाबू ने क्या गलती की थी. आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब देगी. नमन विक्सल कोनगाड़ी ने कहा कि पूर्व की सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ शोषण हुआ था.

पूर्व की सरकार में छह हजार करोड़ की गड़बड़ी की जांच हो

प्रस्ताव का विरोध करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि पूर्व की सरकार में बिजली का ट्रांसमिशन लाइन बनाने को लेकर करीब छह हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई है. इसकी जांच होनी चाहिए. बिजली बिल सूद माफी की स्कीम जारी रखनी चाहिए. गोवंश संरक्षण के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व लोगों को परेशान कर रहे हैं. उन पर नियंत्रण होना चाहिए. बैजनाथ राम ने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचना का विकास होना चाहिए. इस पर काम हो रहा है. सरकार का जोर आधारभूत संरचना के निर्माण पर है.

महामहिम बन रहे हैं बाधक

सुदीव्य कुमार सोनू ने कहा कि हमारी सरकार भी चाहती है कि यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. ओबीसी की आरक्षण की सीमा बढ़े. जहां से महामहिम आते हैं, वहां 73 फीसदी आरक्षण है. बिहार में 75 फीसदी आरक्षण है. यहां जब हम लोग प्रयास करते हैं, तो महामहिम बाधक हो जाते हैं. विनोद सिंह ने कहा कि योजना बनाने से जरूरी उसका क्रियान्वयन है. राज्य में नियुक्ति नहीं हो पा रही है. इस कारण उम्र सीमा 35 से बढ़ा कर 40 करना चाहिए. गैर मजरुआ जमीन के मामले में मुकम्मल नीति बनानी चाहिए.

20 हजार लाइए, अबुआ आवास पाइए : नवीन

कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार अबुआ आवास को लेकर हल्ला मचा रही है. अबुआ आवास पाने के लिए कई बार नियम बदले गये. अब लाभुकों को 20 हजार लाइए और अबुआ आवास पाइए स्कीम चल रहा है. जेएसएससी में नौकरियां बेची जा रही है. अस्पतालों में ऑपरेशन के बाद कपड़ा छोड़ दिया जा रहा है. यहां सरकार ऐसे ही चल रही है. इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. जेपी पटेल ने कहा कि राज्य में विस्थापन आयोग गठन की मांग वर्षों से हो रही है. लेकिन, इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है.

ब्लैक लिस्टेड कंपनियोंं को दे दिया था परीक्षा का जिम्मा

कटौती प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अमित मंडल ने कहा कि पूरा राज्य जेपीएससी और जेएसएससी घोटाले को लेकर परेशान था, दूसरी ओर सत्ता पक्ष के विधायक मंत्री बनने को लेकर परेशान थे. जेएसएससी की एक भी परीक्षा सफल नहीं हुई है. सभी के परचा लीक हुआ है. असल में जेएसएससी ने जिन एजेंसियों को परीक्षा कराने का जिम्मा दिया था, सभी किसी ना किसी राज्य में ब्लैक लिस्टेड थीं. सुनीता चौधरी ने कहा कि चिकित्सा सुविधा दुरुस्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोलना चाहिए. इसके लिए रामगढ़ उपयुक्त स्थान है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें