विशेष संवाददाता (रांची). इडी की ओर से समन मिलने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम मंगलवार को दिन के 10.45 बजे हिनू स्थित इडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे. कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद इडी के अधिकारियों ने उनसे उनके आप्त सचिव संजीव लाल और निजी सहायक जहांगीर के बारे में पूछताछ की. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपये होने की जानकारी नहीं थी. जहांगीर गलत कार्यों में लिप्त था, इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं थी. इसके अलावा विभाग में हो रही कमीशनखोरी के बारे में भी उन्हें नहीं पता. रात 8.30 बजे तक उनसे पूछताछ होती रही. बुधवार को उन्हें फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इडी के अधिकारियों ने मंत्री से कमीशनखोरी से जुड़े कई सवाल पूछे. अधिसंख्य सवाल के जवाब में मंत्री ने अपनी अनभिज्ञता जतायी. हालांकि वीरेंद्र राम से जुड़े सवालों में वह घिर गये. पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने मंत्री को पीएमएलए की धारा 50 के तहत दिये जानेवाले बयान और उसके कानूनी महत्व की जानकारी दी. इसके बाद उनसे उनकी और पारिवारिक सदस्यों की आमदनी और संपत्ति से संबंधित जानकारी मांगी गयी. मंत्री से उनके आप्त सचिव संजीव लाल के बारे में भी पूछताछ की. उनसे संजीव लाल की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी मांगी गयी. मंत्री आलमगीर आलम ने संजीव लाल की अनैतिक गतिविधियों की जानकारी होने से इनकार किया.
पत्र आप्त सचिव ने जहांगीर को दिया होगा : वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी और जांच के बाद इडी द्वारा दी गयी सूचना से संबंधित पत्र जहांगीर के घर से बरामद होने के संबंध में पूछे जाने पर मंत्री ने इसके लिए अपने आप्त सचिव को जिम्मेवार ठहराया. इससे संबंधित सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विभागीय पत्राचार में सभी तरह के पत्र उनके पास आप्त सचिव के माध्यम से आता है. मंत्री ने कहा कि इस क्रम में आप्त सचिव ने यह पत्र जहांगीर को दे दिया होगा.
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