जमीन कारोबारी अवधेश ने बेटे का मेडिकल में एडमिशन कराने के लिए सिकंदर को दिया था ब्लैंक चेक

बेटे को नीट के जरिये मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के लिए सिकंदर से 40 लाख में हुआ था सौदा

By Prabhat Khabar News Desk | June 22, 2024 11:58 PM

रांची (वरीय संवाददाता). नीट-2024 परीक्षा के जरिये रांची के कांके थाना क्षेत्र के अरसंडे निवासी अवधेश कुमार ने बेटे अभिषेक का मेडिकल में दाखिला कराने के लिए दानापुर नगर पर्षद के निलंबित जेई सिकंदर यादवेंदू उर्फ सिकंदर प्रसाद से 40 लाख रुपये में सौदा तय किया था. पटना में परीक्षा से पहले अवधेश ने सिकंदर को ब्लैक चेक दिया था. यानी काम होने के बाद चेक में रकम भरकर सिकंदर पैसे की निकासी करता. यह भी संभव है कि चेक भरोसा के लिए दिया गया होगा. काम होने के बाद जब अवधेश पैसे का भुगतान कर देता, तब सिकंदर से ब्लैंक चेक वापस ले लेता. सौदा के तहत अवधेश बेटा को लेकर पटना पहुंचा. फिर सिकंदर द्वारा बताये गये पेपर सॉल्व करने वालों के पास बेटा को ले गया. सॉल्वरों ने नीट परीक्षा के एक दिन पहले चार मई को प्रश्न का उत्तर अभिषेक को रटवाया था. पांच मई को उसे केंद्र पर जाकर परीक्षा देना था. परीक्षा में हूबहू सवाल वही पूछे गये थे, जिसका उत्तर अभिषेक को रटवाया गया था. लेकिन पांच मई को कार से जाने के दौरान पटना पुलिस ने बेली रोड में एक कार को रोका. कार में सवार अवधेश के अलावा उसका बेटा अभिषेक सहित पांच लोगों को पुलिस ने पकड़ा. पुलिस की पूछताछ में अवधेश ने उक्त कहानी बयां की. इसके बाद अवधेश व उसके बेटे अभिषेक सहित अन्य को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. सूत्र बताते हैं कि अवधेश पूर्व में अपने कुछ नजदीकियों के बेटा-बेटियों का एडमिशन नीट के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में करवाया था. इस बार वह अपने बेटे के लिए कोशिश कर रहा था. ऐसे में संभव है कि पूर्व में अवधेश द्वारा कराया गया एडमिशन भी सिकंदर के माध्यम से कराया गया हो. पटना की आर्थिक अपराध इकाई की जांच में इस पर आगे कोई खुलासा हो सकता है. गोलीबारी में घायल हुआ था अवधेश : अरसंडे कांके में कुछ माह पहले अवधेश पर कुछ लोगों ने गोली चलायी थी. इस घटना में वह घायल हो गया था. एक सप्ताह से अधिक समय तक वह अस्पताल में भर्ती रहा. कांके के ही एक व्यापारी आशुतोष कुमार पर उसे घर से बुलाने का आरोप लगा था. बाद में जमीन विवाद में गोलीबारी का मामला सामने आया था. इसमें बेऊर जेल में बंद चित्तरंजन को आरोपी बनाया गया था. रिम्स में ठेकेदारी करते-करते पटना में बना इंजीनियर, मेडिकल सिंडिकेट से जुड़ा : जानकार बताते हैं कि सिकंदर पहले भवन निर्माण विभाग से जुड़कर रिम्स के भवनों की मरम्मत करने का काम करता था. उसी दौरान उसने पॉलिटेक्निक से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. इसी दौरान वह बिहार में कनीय अभियंता के रूप में बहाल हो गया. साथ ही मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने वाले सिडिंकेट से जुड़ गया. पैसा कमाने के बाद उसने रांची के पॉश इलाके में शुमार बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में पुराना घर खरीदा. फिर उस घर का जीर्णोद्धार कर उसे नया लुक दिया. घर पर उसने सिकंदर यादवेंदू की जगह नेम प्लेट सिकंदर प्रसाद का लगाया हुआ है. बेटे ने रांची के हरमू रोड में खोली है स्पोर्ट्स की दुकान : सिकंदर के एक बेटे होमी आनंद ने तीन-चार महीने पहले हरमू रोड में इनफिनिटी स्पोर्ट्स नामक दुकान खोली है. दुकान में बड़ा इन्वेस्टमेंट किया गया है.

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