Ranchi News|रांची, राजकुमार : रांची के हिंदपीढ़ी निजाम नगर मक्का मस्जिद के समीप रहने वाले अली हुसैन (25 वर्ष) का शव शनिवार (15 जून) को रांची पहुंचा. सुबह 9:20 बजे इंडिगो के विमान से अली हुसैन का शव पहुंचा और करीब 12 बजे उन्हें डोरंडा कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. उनके जनाजे में काफी संख्या में लोग पहुंचे थे.
रांची में एयरपोर्ट पर डीसी ने परिजनों को सौंपा 5 लाख का चेक
अली हुसैन के परिजन पहले से एयरपोर्ट पर उसके शव के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे. श्रम विभाग के अधिकारी भी वहां मौजूद थे. अली के परिजनों ने बताया कि उनके भाई आदिल हुसैन भी मक्का से लौट आए. उनके रांची पहुंचने के बाद अली को डोरंडा कब्रिस्तान में मिट्टी दी गई. इससे पहले रांची एयरपोर्ट पर उपायुक्त राहुल सिन्हा ने अली के परिजनों को 5 लाख रुपए का चेक सौंपा.
प्रवासी नियंत्रण कक्ष के जरिए रांची मंगवाया गया अली का शव
झारखंड के ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद ने रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर प्रभात खबर से खास बातचीत में कहा कि रांची के अली हसन काम करने के लिए कुवैत गए थे. विदेश मंत्रालय से हमें सूचना मिली कि कुवैत में उनकी मौत हो गई है. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के जरिए इनके शव को रांची मंगवाया गया. शव को परिवार को सौंप दिया गया है. राज्य सरकार की ओर से परिवार को 5 लाख रुपए की मदद दी गई.
इंडिगो के विमान से रांची लौट रहे हैं अली हुसैन का भाई
अली हुसैन का शव शुक्रवार (14 जून) को ही नई दिल्ली से रांची लाया जाना था, लेकिन कोच्चि से दिल्ली आने में विलंब की वजह से बॉडी को रांची नहीं लाया जा सका. शुक्रवार को ही वायुसेना के विशेष विमान से कुवैत से 45 भारतीयों के शव कोच्चि पहुंचे थे. यहां से शवों को नई दिल्ली लाया गया और वहां से सभी शवों को उनके गृहनगर भेज दिया गया.
डोरंडा कब्रिस्तान में अली हुसैन को दी गई मिट्टी
अली हुसैन का शव रांची पहुंचने के बाद करीब 12 बजे डोरंडा कब्रिस्तान में उन्हें मिट्टी दी गई. मालूम हो कि बीते दिनों कुवैत की एक बहुमंजिली इमारत में आग लगने से वे इसकी चपेट में आ गये थे. परिजनों ने कहा कि शनिवार की सुबह अली के बड़े भाई आदिल हुसैन भी रांची पहुंचे. आदिल मक्का से लौटे. वह शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गए थे, लेकिन विमान नहीं मिलने के कारण वह शनिवार को रांची पहुंचे.
शव आने का इंतजार करते रहे परिजन
अली हुसैन के परिजन शुक्रवार को दिन भर उनके शव के आने का इंतजार करते रहे. उन्हें उम्मीद थी कि शाम को उनका शव यहां पहुंच जायेगा. उधर, मृतक अली हुसैन के घर में दिन भर मोहल्ले के लोगों के अलावा उनके परिचितों का आना-जाना लगा रहा. घर आनेवाले लोग अली हुसैन के पिता मुबारक हुसैन को ढाढ़स बंधा रहे थे. मुबारक हुसैन की बहू बाजार के समीप पंक्चर बनाने की दुकान है.
5 लाख की आर्थिक सहायता देगी सरकार : चंपाई सोरेन
इससे पहले मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने अली हुसैन के परिजन को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि कुवैत की एक इमारत में आग लगने की घटना में झारखंड के एक नागरिक की मृत्यु की सूचना मिली है. स्थानिक आयुक्त, नयी दिल्ली को कुवैत दूतावास से संपर्क कर पार्थिव शरीर लाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया. मृतक के निकटतम आश्रित को झारखंड सरकार द्वारा 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जायेगी. ईश्वर से प्रार्थना है कि वह शोक संतप्त परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें.
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