रांची. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीइओ) के रवि कुमार ने बुधवार को चौथे चरण में संपन्न मतदान और अगले चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की. वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से वह समीक्षा कर रहे थे. इस क्रम में उन्होंने कहा कि बेहतर मतदान के लिए चुनाव कार्य से जुड़े सभी कर्मी प्रयास करें. उन्होंने कहा कि झारखंड में होने वाले पांचवें, छठे एवं सातवें चरण के मतदान की व्यापक तैयारी सुनिश्चित करने से मतदान बेहतर होगा. वहीं मतदान दिवसों को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था से भी मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा. दिव्यांग एवं शारीरिक रूप से अक्षम मतदाताओं को उनके घर से मतदान केंद्र तक लाने एवं ले जाने की व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि पांचवें, छठे एवं सातवें चरण के मतदान के लिए मनरेगा मेट, पारा कर्मी, जेएसएलपीएस की सदस्य, सखी मंडल की दीदी आदि कर्मियों को मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों के साथ गांव एवं गली-मोहल्ला से टैग करें. बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ नेहा अरोड़ा सहित अन्य उपस्थित थे.
स्क्रूटनी के बाद बचे 55 उम्मीदवार
सीइओ ने बताया कि सातवें चरण के लिए होने वाले तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव के लिए स्क्रूटनी के बाद 55 प्रत्याशी मैदान में बचे हैं. उन्होंने बताया कि बुधवार को स्क्रूटनी के दौरान राजमहल संसदीय क्षेत्र से 17 में से 02 प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया. इस तरह इस संसदीय क्षेत्र से अब कुल 15 प्रत्याशी बचे हैं. वहीं दुमका संसदीय क्षेत्र से 22 उम्मीदवारों में से 03 के नामांकन खारिज हो गये हैं. यहां अब 19 उम्मीदवार रह गये हैं. गोड्डा संसदीय क्षेत्र से स्क्रूटनी के बाद सर्वाधिक 08 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हुए हैं. यहां अब 21 उम्मीदवार बचे हैं. 17 मई को नाम वापसी की अंतिम तारीख है. उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक झारखंड में 126.21 करोड़ की अवैध सामग्री और नकदी जब्त की गयी है.क्यू मैनेजमेंट एवं टाइम मैनेजमेंट पर करें फोकस
सीइओ ने कहा कि लोकसभा के पांचवें, छठे और सातवें चरण के चुनाव में वोटर टर्न आउट बढ़ाने पर फोकस होगा. जिस बूथ पर 1200 से अधिक वोटर हैं, वहां एक अतिरिक्त मतदानकर्मी रिजर्व में दिया जायेगा. वहीं जहां 800 से अधिक वोटर हैं, वहां सेक्टर पदाधिकारी आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मतदानकर्मी को पोलिंग अफसर के सहयोग के लिए लगा सकेंगे. कोशिश यही होनी चाहिए कि एक वोटर को मतदान करने में कम-से-कम समय लगे. मतदान की गति बढ़े और वेटिंग टाइम कम हो सके. जिस मतदान केंद्र पर शाम पांच बजे के बाद तक मतदान की संभावना हो, वैसे चिह्नित बूथों पर पर्याप्त रोशनी के लिए जेनरेटर की भी व्यवस्था की जा रही है.
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